5 किरदार, 17 गोलियां और दहशत के 10 मिनट... सुखदेव सिंह गोगामेड़ी मर्डर केस में कैसे हुई गैंगस्टर्स की एंट्री?
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Sukhdev Singh Gogamedi Murder Case: जयपुर के पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, तीन शूटर सुखदेव सिंह को मारने के लिए उनके घर पहुंचे थे. इनमें से एक शूटर जिसका नाम नवीन शेखावत है, वो क्रॉस फायरिंग में मारा गया. जी हां, क्रॉस फायरिंग में.
Sukhdev Singh Gogamedi Murder Case: श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के मर्डर को महज 10 मिनट में अंजाम दिया गया. हमले के दौरान उस कमरे में पांच लोग मौजूद थे. वहीं दोनों शूटर्स ने 17 राउंड फायरिंग की. और इसके बाद अब सच और झूठ के साथ अलग-अलग कहानी सामने आ रही हैं. असल में सुखदेव सिंह को मारने के लिए उनके घर तीन शूटर पहुंचे थे. लेकिन इनमें से एक शूटर नवीन शेखावत गोली लगने से वहीं मारा गया. अब राजस्थान पुलिस कह रही है कि उसकी मौत क्रॉस फायरिंग में हुई थी. उधर, दूसरी तरफ सुखदेव के कत्ल की जिम्मेदारी लेने वाले गैंगस्टर गोहित गोदारा ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर नवीन को शहीद बताया है. लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं वो सच, जिससे ये पता चलेगा कि राजस्थान पुलिस और रोहित गोदारा दोनों ही झूठ बोल रहे हैं.
एक मर्डर, दो अलग बयान जयपुर के पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, तीन शूटर सुखदेव सिंह को मारने के लिए उनके घर पहुंचे थे. इनमें से एक शूटर जिसका नाम नवीन शेखावत है, वो क्रॉस फायरिंग में मारा गया. जी हां, क्रॉस फायरिंग में. पुलिसिया ज़ुबान में क्रॉस फायरिंग का मतलब होता है कि दो तरफ से गोलियां चल रही हों और गलती से गोली उस शख्स को लग जाए, जिसको मारना ही नहीं था. पुलिस तो पुलिस गैंगस्टर रोहित गोदारा जो सुखदेव सिंह के क़त्ल की जिम्मेदारी डंके की चोट पर ले रहा है, वो भी बयान जारी कर कह रहा है कि नवीन शेखावत की कुर्बानी का कर्ज़ वो सात जन्मों तक नहीं उतार सकता.
सीसीटीवी में कैद वारदात का सच तो पुलिस और क्रिमिनल दोनों की बातें आपने सुनी. अब आइए आंखें खोल देने वाले उस सबूत के बारे में आपको बताते हैं, जिसके बाद आप क्रॉस फायरिंग और कुर्बानी के इस खेल को बिना किसी लाग लपेट के आसानी से समझ जाएंगे. इसके लिए अब हम आपको पांच नवंबर की दोपहर एक बजकर दस मिनट के बाद की उस सीसीटीवी फुटेज के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें क्रॉस फायरिंग और कुर्बानी, दोनों का सच क़ैद है.
फ्रेम दर फ्रेम समझें कत्ल की पूरी कहानी सुखदेव सिंह गोगामेड़ी पर हमले की सीसीटीवी फुटेज को बस फ्रेम दर फ्रेम समझने की ज़रूरत है. उस दौरान या यूं कहें कि क्रॉस फायरिंग में चली गोलियों को गिनती की जाए को राउंड साफ पता चल जाते हैं. शूटआउट की शुरुआती फ्रेम की बात करें तो उस फ्रेम में आपको पांच लोग नजर आएंगे. सामने सबसे बांयी तरफ सुखदेव सिंह का सिक्योरिटी गार्ड अजीत खड़ा है. अजीत के बांयी तरफ सोफे पर सामने सुखदेव सिंह बैठे हैं. सुखदेव सिंह के बांये उनके बराबर में नवीन शेखावत बैठा है. और नवीन शेखावत के बांये दो और लोग बैठे हैं. इनमें से एक है रोहित राठौर और दूसरा नितिन फौजी. ये दोनों शूटर हैं.
सुखदेव के बाद नवीन को मारी थी गोली अब शूटआउट शुरू होता है. सफेद कमीज पहने नितिन फौजी पहली गोली सीधे सुखदेव सिंह को मारता है. इसके बाद वो ऑटोमेटिक पिस्टल का मुंह फौरन सुखदेव के बराबर में बैठे अपने तथाकथित साथी नवीन शेखावत की तरफ घुमाता है. दूसरी गोली वो नवीन को मारता है. अब तक दूसरा शूटर यानी रोहित राठौर भी हरकत में आ जाता है. वो भी पिस्टल निकलता है और सुखदेव सिंह पर गोली चला देता है. सुखदेव गोली लगने के बाद वहीं सोफे के पास नीचे गिर जाते हैं. वो दो सोफों के बीच औंधे मुंह गिरते हैं.
नवीन ने की थी शूटर का हाथ पकड़ने की कोशिश एक गोली खाने के बावजूद नवीन शेखावत दूसरे शूटर रोहित राठौर का हाथ पकड़ने की कोशिश करता है. लेकिन रोहित अपना हाथ झटक देता है. इसके बाद नवीन दरवाजे की तरफ बढ़ता है, तभी फौजी एक के बाद एक तीन और गोली नवीन शेखावत की पीठ में मारता है. इसके बाद नवीन शेखावत कमरे से निकलते ही फ्रेम से बाहर हो जाता है. अब दूसरे फ्रेम में वो घर के बाहर जमीन पर पड़ा पाया जाता है. जबकि बाकी दोनों शूटर गोलियां चलाते हुए वहां से निकल भागते हैं.
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