
3.5 अरब डॉलर की आर्थिक मदद, अनाज-दवाइयां-ईंधन पहुंचा रहा, जानें श्रीलंका के लिए क्या-क्या कर रहा भारत?
AajTak
Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका अपने अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है. उसके पास जरूरी सामान खरीदने के लिए भी पैसा नहीं बचा है. ऐसे में भारत उसकी मदद कर रहा है. भारत, श्रीलंका को खाना और दवा जैसी जरूरी चीजें भी मुहैया करा रहा है और आर्थिक तौर पर भी मदद कर रहा है.
Sri Lanka Economic Crisis: 1948 में आजाद हुआ श्रीलंका इस वक्त अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है. वहां महंगाई बेकाबू हो चली है. श्रीलंका के सेंट्रल बैंक के मुताबिक, अप्रैल में यहां महंगाई दर 30 फीसदी के करीब पहुंच गई. मार्च में ये 19 फीसदी से कम थी. लोगों में जबरदस्त गुस्सा है और अब ये गुस्सा हिंसा में बदल चुका है. प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार से जुड़े लोगों के घरों को जलाया जा रहा है. श्रीलंका में इमरजेंसी लगा दी गई है.
श्रीलंका पर 51 अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी कर्ज है. इस आर्थिक संकट से निकलने के लिए श्रीलंका को कम से कम 4 अरब डॉलर की जरूरत है. आर्थिक मदद पाने के लिए श्रीलंका वर्ल्ड बैंक के साथ-साथ श्रीलंका और जापान जैसे देशों से भी बात कर रहा है. हालांकि, इस सबमें भारत उसका मजबूत साथी बनकर उभरा है.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत इस साल अब तक श्रीलंका को 3.5 अरब डॉलर की मदद कर चुका है. इसके अलावा भारत उसकी बुनियादी चीजों जैसे खाने-पीने का सामान और दवाओं की कमी को पूरा करने में मदद कर रहा है. भारत का कहना है कि श्रीलंका का करीबी पड़ोसी और उसके साथ ऐतिहासिक संबंध होने के नाते, भारत उसके लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक स्थिति में सुधार को लेकर पूरी तरह साथ है.
भारत की ओर से मिल रही मदद पर श्रीलंका की प्रमुख तमिल पार्टी तमिल नेशनल अलायंस के सांसद एमए सुमंथिरन ने कहा कि इस मदद के लिए हम आभारी हैं और यही हमें जिंदा रखे हुई है.
ये भी पढ़ें-- श्रीलंका जैसे ही ये 7 देश भी हो गए थे तबाह, जानिए इन डिफॉल्टर मुल्कों के लोगों के सामने क्या-क्या संकट आए
श्रीलंका के लिए क्या-क्या कर रहा भारत?

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.