25 विधानसभा सीटों से शुरुआत... भारत में EVM आने की पूरी कहानी, पढ़ें- EC इसे क्यों कहता है 'हैकप्रूफ'
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चुनावी नतीजे आने के बाद ईवीएम पर फिर सवाल उठने लगे हैं. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया है. वहीं, बीजेपी का कहना है कि जब कांग्रेस हार जाती है तो ईवीएम पर सवाल उठाने लगती है. ऐसे में जानते हैं ईवीएम की अब तक की पूरी कहानी...
पांच राज्यों के नतीजे आने के बाद EVM पर फिर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी की जीत के बाद कांग्रेस ने EVM में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि जिस भी मशीन में चिप होती है, उसे हैक किया जा सकता है. छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि जब EVM पर बात होती है तो इसमें बीजेपी को बुरा क्यों लग जाता है? कांग्रेस नेता उदित राज ने आरोप लगाते हुए कहा कि EVM के साथ छेड़छाड़ की गई, तभी ऐसे नतीजे आए.
एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ के मीडिया एडवाइजर पीयूष बबेले ने सोशल मीडिया पर तो EVM हैकिंग को लेकर कई दावे किए हैं. पीयूष बबेले ने दावा किया कि पोस्टल बैलेट में कांग्रेस को बहुमत मिल रहा था, लेकिन EVM खुलते ही सीटें कम हो गईं.
वहीं, बीजेपी ने इन आरोपों पर कांग्रेस और विपक्ष को घेर लिया है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि इसमें कुछ नया नहीं है. जब वो जीत जाते हैं तो EVM ठीक है, लेकिन जब हार जाते हैं तो EVM को दोष मढ़ देते हैं.
एक और बीजेपी नेता एसपी सिंह बघेल ने कहा, इसी EVM के साथ आम आदमी पार्टी दिल्ली में तीन बार और पंजाब में एक बार जीती है. समाजवादी पार्टी को 2012 में यूपी में पूर्ण बहुमत मिला था. बहुजन समाज पार्टी ने 2007 में पूर्ण बहुमत हासिल किया था. और तेलंगाना में भी कांग्रेस जीती है.
पिछले कुछ सालों से चुनावों से पहले और नतीजों के बाद EVM पर सवाल उठाए जाते रहे हैं. हारने वाली पार्टी EVM हैकिंग का दावा करती है. हालांकि, चुनाव आयोग का कहना है कि EVM पूरी तरह सुरक्षित है और इसे हैक नहीं किया जा सकता.
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