'2047 तक भारत को 'ग़ज़वा-ए-हिंद' में बदलने की योजना', हिंदू राष्ट्र पंचायत में वक्ताओं के बिगड़े बोल
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भाजपा नेता और हिंदू यूनाइटेड फ्रंट के प्रमुख जयभगवान गोयल ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंदू राष्ट्र पंचायत का आयोजन किया. इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया तथा उत्तरी दिल्ली के पूर्व महापौर अवतार सिंह समेत अन्य नेता शामिल हुए. बैठक में आपत्तिजनक बयान भी दिए गए.
साल 2020 में दंगे की चपेट में आए उत्तर-पूर्वी दिल्ली क्षेत्र को एक हिंदू राष्ट्र पंचायत ने देश का पहला हिंदू राष्ट्र जिला बनाने का आह्वान किया किया है. इस पंचायत ने इलाके के निवासियों से अपनी संपत्तियां अल्पसंख्यकों को न बेचने या किराए पर नहीं देने की अपील की है. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पंचायत (बैठक) भाजपा नेता और हिंदू संयुक्त मोर्चा के प्रमुख जय भगवान गोयल द्वारा आयोजित की गई थी और इसमें भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया और उत्तरी दिल्ली के पूर्व महापौर अवतार सिंह ने भाग लिया.
भाजपा ने किया किनारा
जटिया ने कहा कि वे सभी जो खुद को भारत माता की संतान मानते हैं वो हमारे भाई-बहन हैं और इस परिवार में हर किसी का स्वागत है चाहे वह किसी भी धर्म का हो. दिल्ली भाजपा के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस कार्यक्रम को पार्टी की मंजूरी नहीं थी और गोयल पार्टी के किसी पद पर नहीं थे. सभा को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि किसी भी हिंदू को अपने घरों या दुकानों को अन्य धर्मों के सदस्यों को बेचना या किराए पर नहीं देना चाहिए.
हिंदू राष्ट्र बनाएंगे
गोयल ने कहा, 'हम पहले उत्तर-पूर्वी दिल्ली को एक हिंदू राष्ट्र जिला और फिर पूरे देश को एक हिंदू राष्ट्र बनाएंगे.' फरवरी 2020 में, पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे. उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों का जिक्र करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि इस क्षेत्र को 'मिनी पाकिस्तान' में बदलने की योजना थी.
गजवा ए हिंद बनाने की तैयारी
129वां संविधान संशोधन विधेयक 'एक राष्ट्र एक चुनाव' लागू करने के उद्देश्य से लाया गया है. यह बिल न सिर्फ संसद में, बल्कि सुप्रीम कोर्ट में भी संवैधानिक और कानूनी परीक्षा से गुजरेगा. इस बिल की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि यह संवैधानिक ढांचे, संघीय ढांचे और लोकतंत्र के सिद्धांतों पर कितना खरा उतरता है.
अमित शाह ने कहा, 'ये लोग कहते हैं कि मुस्लिम पर्सनल लॉ का अधिकार मिले तो हमें आपत्ति नहीं है. तो फिर पूरा शरिया लागू करिए. क्रिमिनल में क्यों शरिया निकाल दिया. क्या चोरी करने पर हाथ काट दोगे, कोई महिला के साथ जघन्य अपराध करे तो पत्थर मारकर मार दोगे, देशद्रोही को रोड पर सूली चढ़ाओगे तो निकाह के लिए पर्सनल लॉ, वारिस के लिए पर्सनल लॉ और क्रिमिनल शरिया क्यों नहीं? अगर उनको देना ही है तो पूरा दे देते.'