'2019 में मर्डर के बाद गया था जेल, किसने जमानत कराई पता नहीं', बाबा सिद्दीकी को मारने वाले शूटर के परिवार ने बताया
AajTak
बाबा सिद्दीकी की हत्या करने वाले हरियाणा के शूटर गुरमैल सिंह की दादी ने बताया कि उसने 2019 में गांव में ही एक मर्डर किया था, जिसके बाद वो जेल गया था. उन्होंने बताया कि उसे जमानत मिल गई, लेकिन किसने कराई ये हमें पता नहीं है.
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें से एक यूपी के बहराइच का रहने वाला धर्मराज राजेश कश्यप (19) है, जबकि दूसरा हरियाणा के कैथल का रहने वाला गुरमैल बलजीत सिंह (23) है. गुरमैल के माता-पिता की मौत हो चुकी है, लेकिन उसकी दादी जिंदा है और उसका सौतेला छोटा भाई उनके साथ रहता है.
गुरमैल की दादी ने आजतक से बात करते हुए बताया कि उसने 2019 में गांव के ही एक शख्स की बर्फ वाला सुआ मारकर हत्या कर दी थी. उन्होंने बताया कि वो गुरमैल के छोटे सौतेले भाई प्रिंस के साथ अपने गांव में रहती हैं. वो 2019 में हत्या के मामले में जेल में बंद था, जो तीन-चार महीने पहले ही जमानत पर बाहर आया था. हालांकि उसकी जमानत किसने करवाई इसके बारे में किसी को कुछ भी मालूम नहीं है.
Baba Siddique Murder: यूपी के दोनों शूटरों की क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं, हरियाणा का आरोपी कर चुका है कत्ल... चौंका देगी तीनों की क्राइम कुंडली!
जमानत पर निकलने बाद आया था घर
दादी ने बताया कि जब गुरमैल जमानत पर बाहर आया तो घर आया था, वह कुछ मिनट के लिए उनके घर रुका था. तब वह किसी काम से बाहर गई हुई थीं. उन्होंने गुरमैल को देखा तक भी नहीं. इतनी देर में वह चला गया था. उसके बाद उनका गुरमैल के साथ कोई भी संपर्क नहीं हुआ और ना ही वह किसी भी त्योहार या अन्य पारिवारिक फंक्शन में घर आया.
11 साल पहले घर से बेदखल कर चुकी हैं दादी
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.