'1962 में भारत ने किया था हमला', जंग छेड़ने वाले जनरल की बेटी का लिखा झूठा इतिहास पढ़ा रहा चीन
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चीन की सैन्य तैयारियां और प्रोपगैंडा वार साथ साथ चलते हैं. 1962 की लड़ाई के 60 साल गुजर चुके हैं अब पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने इस युद्ध का इतिहास नए सिरे से लिखा है. चीनी जनरल की बेटी द्वारा लिखे गए इस इतिहास में भारत को ही हमलावर दिखाने की कोशिश की गई है.
1962 में हुए भारत चीन की लड़ाई के 60 साल पूरे हो गए. चीनी सेना ने 20 अक्टूबर 1962 को लद्दाख में और मैकमोहन रेखा पर एक साथ हमले शुरू किये थे. इस जंग में भारत को काफी नुकसान हुआ था और हमारी सेनाओं को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा था. चीन द्वारा छेड़ी गई ये लड़ाई चीनी सेना और वहां के शीर्ष नेतृत्व की भारत के खिलाफ धोखे की कहानी थी.
अब इस जंग के 60 साल बाद चीन अपने नागरिकों को इस लड़ाई का झूठा इतिहास पढ़ा रहा है. यही नहीं 15 जून 2020 में हुए गलवान झड़प की झूठी कहानी भी चीन अपने नागरिकों को बता रहा है.
60 साल बाद चीन ने लिखा नया इतिहास
1962 जंग के 60 साल गुजरने पर चीन ने एक प्रदर्शनी का आयोजन किया है. इसके अलावा चीन ने इस युद्ध का नया सैन्य इतिहास प्रकाशित किया है. इस शीर्षक रखा गया है, 'वन हंडरेड क्वेश्चन ऑन द चाइना-इंडिया बॉर्डर सेल्फ डिफेंस काउंटर अटैक'. बता दें कि 1962 के इस जंग को चीन के सैन्य इतिहास में अपने उतनी तवज्जो नहीं दी जाती थी लेकिन बदले जियो-पॉलिटिकल स्थिति में चीन इस जंग का इतिहास नए सिरे से पेश कर रहा है और इसे 'कांउटर अटैक' बता रहा है.
1962 में जनरल रहे ऑफिसर की बेटी ने लिखी किताब
चीन के इस झूठ के पुलिंदे को इतिहास की शक्ल में बदला है पूर्व PLA जनरल Zhang Gouhua की बेटी Zhang Xiaokang ने. इस किताब में इस युद्ध से जुड़े इतिहास के कई पहलुओं पर भी चर्चा की गई है. बता दें कि Zhang Gouhua ही 1962 में तिब्बत मिलिट्री कमांड का चीफ थी. इसी चीनी जनरल ने भारत के खिलाफ पूर्वी सेक्टर पर भारत के खिलाफ मोर्चा खोला था.
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