![11 महीने में 830 करोड़ रुपये... अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव कैंपेन के दौरान इस भारतवंशी की बढ़ी संपत्ति](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202401/65aab447d5a46-vivek-ramaswamy-143905112-16x9.jpeg)
11 महीने में 830 करोड़ रुपये... अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव कैंपेन के दौरान इस भारतवंशी की बढ़ी संपत्ति
AajTak
फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विवेक रामास्वामी 11 महीने पहले रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हुए थे, लेकिन इन ग्यारह महीनों की तुलना में उनकी संपत्ति बढ़ी है. रिपब्लिकन पार्टी के नामांकन के लिए आयोवा कैंपेन के दौरान रामास्वामी की संप्तित 10 करोड़ डॉलर से अधिक बढ़ी है.
अमेरिका में इस साल होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से पीछे हटने वाले भारतवंशी विवेक रामास्वामी को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. खबर है कि रामास्वामी ने राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान लाखों डॉलर खर्च किए थे लेकिन इसके बावजूद उनकी संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि हुई है.
फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विवेक रामास्वामी 11 महीने पहले रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हुए थे, लेकिन इन ग्यारह महीनों की तुलना में उनकी संपत्ति बढ़ी है. रिपब्लिकन पार्टी के नामांकन के लिए आयोवा कैंपेन के दौरान रामास्वामी की संपत्ति 10 करोड़ डॉलर (तकरीबन 830 करोड़ रुपये) से अधिक बढ़ी है.
संघीय चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के मुताबिक, रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति चुनाव की दावेदारी के दौरान रामास्वामी ने अपनी कुल अनुमानित संपत्ति 84 करोड़ डॉलर बताई थी जो उनके कैंपेन के बाद बढ़कर 96 करोड़ डॉलर हो गई है.
2023 के शुरुआती नौ महीनों के दौरान रामास्वामी ने अपने चुनावी कैंपेन के दौरान 1.7 करोड़ डॉलर का निवेश किया है. उन्होंने इनमें से 18 लाख डॉलर नकद निवेश किया जबकि 1.52 करोड़ डॉलर कर्ज लिया.
रामास्वामी के कैंपेन के मुताबिक, वह एक अरब डॉलर की संपत्ति के साथ बेहद अमीर हैं. हालांकि, अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बीती तिमाही और 2024 की शुरुआत में उन्होंने चुनावी प्रचार पर कितनी धनराशि खर्च की.
आयोवा कॉकस से पहले रामास्वामी ने 3 करोड़ डॉलर में रोइवैंट साइंसेज के शेयर बेचे. इस धनराशि का इस्तेमाल उन्होंने चुनावी कैंपेन में किया.
![](/newspic/picid-1269750-20250214181736.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
![](/newspic/picid-1269750-20250214171223.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
![](/newspic/picid-1269750-20250214141339.jpg)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
![](/newspic/picid-1269750-20250214112147.jpg)
रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
![](/newspic/picid-1269750-20250214095639.jpg)
PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.