1000 अस्पतालों में 196 को ही फायर NOC, इस नियम का फायदा उठाकर अग्नि सुरक्षा की अनदेखी कर रहे हैं दिल्ली के अस्पताल
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दिल्ली में अस्पतालों और नर्सिंग होम के लिए फायर एनओसी हासिल करना अक्सर नौकरशाही में उलझ जाता है. लेकिन सवाल ये है कि इस एनओसी को हासिल करने के लिए राजधानी के अस्पतालों और नर्सिंग होम के लिए क्या दिशानिर्देश हैं? इंडिया टुडे की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने इस अग्निकांड के दो किलोमीटर के दायरे में आने वाले तीन नर्सिंग होम की जांच की. इस जांच में पता चला कि किस तरह से छूट और सतर्कता की कमी की आड़ में निर्दोष लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है.
दिल्ली के विवेक विहार में एक बेबी केयर सेंटर में लगी आग में कई नवजात बच्चों की मौत से देश दहल गया है. इन नवजात बच्चों के परिजन शोक में डूबे हुए हैं. पीड़ित परिजनों की एक ही मांग है कि उसे न्याय मिलना चाहिए. विवेक विहार के बेबी केयर सेंटर में 25 मई को हुई इस घटना ने एक बार फिर फायर सेफ्टी के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) और नेशनल बिल्डिंग कोड का पालन करने के महत्व को चर्चा में ला दिया है.
दिल्ली में अस्पतालों और नर्सिंग होम के लिए फायर एनओसी हासिल करना अक्सर नौकरशाही में उलझ जाता है. लेकिन सवाल ये है कि इस एनओसी को हासिल करने के लिए राजधानी के अस्पतालों और नर्सिंग होम के लिए क्या दिशानिर्देश हैं? इंडिया टुडे की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने इस अग्निकांड के दो किलोमीटर के दायरे में आने वाले तीन नर्सिंग होम का दौरा कर उसकी पड़ताल की. इस पड़ताल में पता चला कि किस तरह से छूट और लापरवाही के चलते निर्दोष लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है.
2019 में सख्त अग्निसुरक्षा नियम लागू हुए थे
फरवरी 2019 में दिल्ली के करोल बाग के होटल में हुई घटना में 17 लोगों की मौत हुई थी. इस घटना के बाद राजधानी में फायर सेफ्टी को लेकर नियम बेहद सख्त कर दिए गए थे. इसके तहत नौ मीटर से ऊंची सभी बहुमंजिला इमारतों को फायर क्लीयरेंस लेना जरूरी है. पहले इस क्लीयरेंस के लिए इमारतों की ऊंचाई 15 मीटर तय की गई थी. नए फायर सेफ्टी मानकों की वजह से छोटे अस्पतालों और नर्सिंग होम पर बंद होने का खतरा मंडराने लगा.जब नौ मीटर से ऊंचे स्ट्रक्चर के लिए एनओसी अनिवार्य किया गया तो दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट का रुख कर इसमें छूट देने की गुहार लगाई. दिल्ली के अधिकतर नर्सिंग होम रिहायशी प्लॉट पर बने हैं और आवश्यक दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं है. ये मामला अभी भी हाईकोर्ट में लंबित है.
दिल्ली के अस्पतालों में फायर सेफ्टी नियमों को लेकर क्या स्थिति क्या है?
इंडिया टुडे के पास डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, राजधानी में 1000 से अधिक अस्पताल या नर्सिंग होम हैं, जो दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के तहत रजिस्टर्ड हैं. हालांकि, इनमें से सिर्फ 196 अस्पतालों को ही फायर एनओसी मिली है. जब हमने इन अस्पतालों का दौरा कर ये समझने की कोशिश की कि ये बिना फायर एनओसी के कैसे ऑपरेट हो रहे हैं. इन्होंने कहा कि कुछ छूट की वजह से इन नियमों का पालन करने की उन्हें जरूरत नहीं है.
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