100 साल पुराना नीम का पेड़, महाआरती और 7 की मौत... जानें महाराष्ट्र के दर्दनाक हादसे की पूरी कहानी
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अकोला (Akola) में तेज बारिश से एक मंदिर परिसर के टिन शेड पर 100 साल पुराना नीम का पेड़ गिर गया. देखते ही देखते ही वहां हाहाकार मच गया. इस दर्दनाक घटना में 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 29 लोग घायल हो गए हैं. राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है.
महाराष्ट्र के अकोला (Akola) जिले में तूफानी हवा और बारिश से 100 साल पुराना नीम का पेड़ एक टिन शेड पर गिर गया. जिससे शेड धराशायी हो गया और वहां अफरातफरी मच गई. 30 से 35 लोग टिन के नीचे दब गए. जिनमें से 7 की मौके पर मौत हो गई. वहीं, 29 लोग बुरी तरह घायल हो गए.
घटना बालापुर तहसील के पारस इलाके में बाबूजी महाराज मंदिर परिसर की है. हादसे को लेकर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फणनवीस ने शोक प्रकट किया है. साथ ही बताया कि सीएम एकनाथ शिंदे ने मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये मुजावजा देने का ऐलान किया है. वहीं घायलों को सरकारी नियमों के अनुसार आर्थिक सहायता दी जाएगी.
शुरू होने वाली थी महाआरती एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अकोला की कलेक्टर नीमा अरोड़ा ने बताया कि यह घटना रविवार शाम करीब साढ़े सात बजे की है. उस समय सभी श्रद्धालु बाबूजी महाराज मंदिर में 'महाआरती' के लिए एकत्रित हुए थे. आरती शुरू होने ही वाली थी कि तभी तेज बारिश के कारण 100 साल पुराना नीम का पेड़ टिन शेड पर गिर गया. टिन शेड के नीचे 30 से 35 लोग खड़े थे.
नहीं मिला शेड से बाहर निकलने का मौका पेड़ गिरते ही वे लोग बाहर की ओर भागने लगे. लेकिन बदकिस्मती से वे बाहर निकल नहीं पाए और शेड के नीचे दब गए. तुरंत प्रशासन को इसकी सूचना दी गई. प्रशासन की टीम बचाव कार्य के लिए मौके पर पहुंची और लोगों को मलबे से बाहर निकालने में जुट गई.
लेकिन तब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी थी. वहीं, घायलों को तुरंत एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया. जहां उनका इलाज जारी है. कुल 29 लोग इस हादसे में घायल हुए हैं.
जानकारी के मुताबिक, मरने वाली दो महिलाएं 50 और 55 साल की थीं. वे जलगांव और बुलढाणा की रहने वाली थीं. इसके अलावा 5 मृतक पुरुषों में से दो अकोला के रहने वाले थे. उनकी उम्र 55 और 35 साल बताई गई. अन्य मृतकों की पहचान अभी की जा रही है.
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