होली स्पेशल: काशी की होली आज से शुरू, 350 साल से भी ज्यादा पुरानी है परंपरा
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मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ रंगभरी एकादशी के दिन ही मां पार्वती का हिमालय से गौना करा कर अपनी नगरी काशी पहुंचे थे. काशी में ये परंपरा 357 साल से भी ज्यादा पुरानी है.
वैसे तो होली का त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस बार होली 29 मार्च को पड़ रही है. लेकिन हमारे देश में कुछ जगहों पर होली का त्योहार पहले से ही शुरू हो जाता है. ऐसी ही एक जगह है बनारस या वाराणसी. जहां होली 5 दिन पहले ही रंगभरी ग्यारस के साथ शुरू हो जाती है. इसे काशी की होली के नाम से भी जाना जाता है. बुधवार को काशी में आज से ही होली शुरू हो गई है. यहां भक्तों ने बाबा काशी विश्वनाथ और मां पार्वती संग गुलाल खेलकर होली की शुरुआत की. हिंदू धर्म में मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ रंगभरी एकादशी के दिन ही मां पार्वती का हिमालय से गौना करा कर अपनी नगरी काशी पहुंचे थे. काशी में ये परंपरा 357 साल से भी ज्यादा पुरानी है. परंपरा के अनुसार, भक्त ने टेढ़ी नीम इलाके से महंत आवास में बने देवी पार्वती के मायके से बाबा विश्वनाथ का गौना कराकर विश्वनाथ मंदिर के लिए निकले. इस दौरान भक्तों ने बाबा विश्वनाथ और मां पार्वती की चांदी की मूर्ति के दर्शन कर उन पर अबीर-गुलाल अर्पित कर जमकर होली खेली.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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