हिमाचल के आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार कौन? सीएम सुक्खू ने दिया ये जवाब
AajTak
क्या हिमाचल में टॉयलेट टैक्स लगेगा? इस पर सीएम सुक्खू ने कहा कि बीजेपी बहुत अच्छे शब्द खोजकर लाती है, फिर उनके नेता दिल्ली से बैठकर उन शब्दों को ट्रैवल कराते हैं. सीएम सुक्खू ने कहा कि टॉयलेट टैक्स को लेकर कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 2022 में चुनाव से पहले 5 हजार करोड़ की फ्रीबीज बांटी थी.
हिमाचल प्रदेश इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इसे लेकर सीएम सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि जब राज्य से बीजेपी की सरकार गई थी, तब 85 हज़ार करोड़ का कर्ज छोड़ गई थी. 10 हज़ार करोड़ का भार छठे वेतन आयोग के तहत छोड़ गई थी. उन्होंने कहा कि हम कर्ज की अदायगी भी कर रहे हैं. पिछले 40 साल से सभी विभागों में एक ऐसी व्यवस्था चली आ रही है कि हमें बजट दे दो, तो मैं उस सिस्टम को ठीक कर रहा हूं, हम व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ आए हैं. व्यवस्था परिवर्तन करना चाहते हैं, सत्ता में सत्ता सुख नहीं, व्यवस्था परिवर्तन करना चाहता हैं. व्यवस्था परिवर्तन के द्वारा आत्मनिर्भर हिमाचल की नीव रखेंगे.
हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में देरी हो रही है, आपने अपनी और मंत्रियों की सैलरी रोक दी है, तो क्या ये आर्थिक संकट की वजह से नहीं है, इस पर सीएम सुक्खू ने कहा कि मंत्रियों की सैलरी रोकना सिंबॉलिक था कि जो राज करते हैं वो सबसे पहले खुद पर अनुशासन लागू करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों ने हमार साथ दिया. हमने पिछले महीने 1 तारीख से सैलरी दी. पेंशनर्स से कहा कि हम 10 तारीख से उन्हें भी रेग्युलेट करेंगे. मैं तो उन्हें डीए देने जा रहा हूं. उन्होंने कहा कि खाने में हर महीने मात्र 10 से 15 हजार खर्च होता है.
क्या हिमाचल में टॉयलेट टैक्स लगेगा? इस पर सीएम सुक्खू ने कहा कि बीजेपी बहुत अच्छे शब्द खोजकर लाती है, फिर उनके नेता दिल्ली से बैठकर उन शब्दों को ट्रैवल कराते हैं. सीएम सुक्खू ने कहा कि टॉयलेट टैक्स को लेकर कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 2022 में चुनाव से पहले 5 हजार करोड़ की फ्रीबीज बांटी थी.
सीएम सुक्खू ने कहा कि हमने पहली कैबिनटे में ओपीएस लागू की, जिसे तीन हजार मिलता था उसे तीस हजार मिलने लगा. महिलाओं को 1500 रुपए दिए. दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया. उन्होंने कहा कि अगर हमारी हालत खराब होती तो बीजेपी ने जो ऑपरेशन लोटस किया था वो सफल हो गया होता.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?