हिंसा और दंगों पर खूब हो रही सियासत, देखें हल्ला बोल
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राजस्थान के करौली से लेकर मध्यप्रदेश के खरगौन तक और गुजरात के खंभात से लेकर दिल्ली के जहांगीरपुरी तक, धर्म के नाम पर हिंसा का दायरा इतना बढ़ा कि चिंता बढ़ी, बेचैनी बढ़ी. इस चिंता से आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी अछूते नहीं रहे. भागवत ने दो टूक कहा कि हिंसा से किसी का भला नहीं हो सकता. हिंसा में यकीन रखने वालों का अंत तय है. मोहन भागवत ने इशारों में चेतावनी दी. ना घटना का जिक्र किया और ना ही किसी संगठन या जमात का नाम लिया. लेकिन ये समझना ज्यादा मुश्किल नहीं कि हिंसा के विरोध का संदेश किस संदर्भ में था. देखें हल्ला बोल.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.