'हर जिले में पार्टी का महलनुमा ऑफिस बनाना चाहते थे जगन, सरकारी जमीन पर किया कब्जा', TDP का बड़ा दावा
AajTak
टीडीपी ने जगन मोहन रेड्डी पर सत्ता का दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए दावा किया कि उन्होंने सभी 26 जिलों में पार्टी कार्यालय बनवाने के नाम पर करोड़ों रुपये की जमीन हड़प ली. वह (जगन) हर जिले में अपनी पार्टी के लिए महल जैसा ऑफिस बनवाना चाहते थे.
टीडीपी ने रविवार को आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और YSRCP के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. टीडीपी ने दावा किया है कि वाईएसआरसीपी ने सत्ता में रहते हुए सभी 26 जिलों में पार्टी के ऑफिस के लिए मुख्य इलाकों में करोड़ों रुपये की जमीन हड़प ली थी.
जानकारी के मुताबिक, वरिष्ठ अधिकारी अब इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि सत्ता में रहते हुए जगन मोहन रेड्डी ने कैसे वाईएसआरसीपी ने पार्टी ऑफिस के निर्माण के लिए सभी 26 जिलों में करोड़ों रुपये की जमीन हड़प ली. जगन मोहन ने मुख्यमंत्री रहते हुए सभी जिलों में अपनी पार्टी के ऑफिस बनवाने के लिए शहरों में दो-दो एकड़ जमीन ट्रांसफर की थी, जिसकी कीमत बाजार में लगभग 900 करोड़ से लेकर 1000 करोड़ रुपये है.
'जगन ने अपनी शक्तिों का किया दुरुपयोग'
साथ ही जगन ने अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर 26 जिलों में कार्यालय निर्माण के लिए अनुमति नहीं ली थी. कार्यालय बनवाने के लिए अवैध रूप से कब्जा की गई ये जमीन सिंचाई और अन्य जैसे विभागों की हैं. कुछ दान में दी गई जमीनें हैं और कुछ जमीनें ऐसी भी हैं जहां निर्माण की अनुमति नहीं है, पर फिर भी उन्होंने इन जमीनों के अपने कब्जे में ले लिया जो पूरी तरह से सत्ता का दुरुपयोग है.
यह भी पढ़ें: आंध्र में YSRCP के निर्माणाधीन दफ्तर पर चला बुलडोजर, जगन मोहन का आरोप- बदला ले रहे चंद्रबाबू नायडू
'हर जिले में महल जैसा ऑफिस चाहते थे जगन'
हल्ला बोल के इस खास संस्करण में चर्चा बिहार में 2025 का किंग कौन होगा पर है. लोकसभा चुनाओं में मोदी सरकार की हैट्रिक लगाने के बाद NDA बनाम इंडिया गठबंधन की जो लड़ाई है वो अभी टू-टू पर ड्रॉ है. क्योंकि दो राज्य इंडिया ने जीते दो राज्य इंडिया गठबंधन ने जीते हैं. अब नए साल यानी 2025 में पहले दिल्ली में विधानसभा चुनाव होना है और उसके बाद बिहार में विधानसभा चुनाव की बिसाद बिचने लगेगी. देखें वीडियो.
कजाकिस्तान में अजरबैजान एयरलाइंस का विमान पक्षी की टक्कर के बाद क्रैश हो गया, जिसमें 42 लोग मारे गए. विमान ने करीब एक घंटे तक लैंडिंग की कोशिश की लेकिन पायलट इसमें विफल रहे. इस बीच जीपीएस में गड़बड़ी की बात भी सामने आ रही है, लेकिन अभी स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है. खासकर ग्रोज्नी के पास जीपीएस जैमिंग का संदेह है.