हरियाणा की 20 विधानसभा सीटों पर फिर से चुनाव कराने की मांग, SC में याचिका दायर
AajTak
हरियाणा विधानसभा की 20 सीटों पर फिर से चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. पार्टी ने अदालत में याचिका दाखिल कर जल्द से जल्द सुनवाई करने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप चाहते है कि हरियाणा की चुनी हुई सरकार के शपथ ग्रहण पर हम रोक लगाए. अदालत ने नई सरकार के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
हरियाणा में नायब सैनी नेतृत्व में नई सरकार का गठन हो गया है. इसके इतर हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा विधानसभा की 20 सीटों पर फिर से चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. पार्टी ने अदालत में याचिका दाखिल कर जल्द से जल्द सुनवाई करने की मांग की थी. हालांकि. कोर्ट ने उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई का भरोसा नहीं दिया है. याचिका में बीजेपी के मुख्यमंत्री नायब सैनी के मुख्यमंत्री पद पर शपथ ग्रहण पर रोक लगाने की मांग की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप चाहते है कि हरियाणा की चुनी हुई सरकार के शपथ ग्रहण पर हम रोक लगाए. अदालत ने नई सरकार के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. याचिकाकर्ता ने अपनी अर्जी में शपथ ग्रहण पर रोक लगाने की भी मांग की थी.
याचिकाकर्ता ने EVM में गड़बड़ी की जताई आशंका
याचिका में 20 सीटों पर ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की गई है. याचिका में कहा गया है कि इन विधानसभा सीटों पर ईवीएम की बैटरी 99% तक चार्ज थी, जबकि बाकी जगह बैटरियां 60-70% चार्ज थी. याचिका में 20 विधानसभा सीटों पर पुनः चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है. साथ ही EVM को स्टोरेज करने के निर्देश भी मांगे गए हैं.
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने की थी ECI अधिकारियों से मुलाकात
वहीं, हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलकात की और चुनाव के नतीजों पर आपत्ति जताई थी. कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, पवन खेड़ा और अजय माकन जैसे वरिष्ठ नेता शामिल थे.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.