'हमारा डिफेंस सिस्टम बिल्कुल परफेक्ट', पावर ग्रिड हैकिंग पर ऊर्जा मंत्री का आया बयान
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चीनी हैकर्स ने पिछले कुछ महीनों में भारत की पावर ग्रिड्स और इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम को निशाना बनाया है, ऐसी जानकारी सामने आई थी. इसपर ऊर्जा मंत्री आरके सिंह का बयान आया है.
चीनी हैकर्स द्वारा भारत की पावर ग्रिड्स को निशाना बनाने की जो बात सामने आ रही थी, उस पर अब ऊर्जा मंत्री आरके सिंह का बयान आया है. आरके सिंह ने कहा कि किसी भी देश का हैकर हो वह हैकिंग में सफल नहीं हो पाएगा क्योंकि हमारा सिस्टम परफेक्ट है.
पावर ग्रिड की हैकिंग की खबरों पर ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा, 'हैकिंग का मामला हमारे सामने आया है. ये हैकिंग की घटना हमारी जानकारी में आई है. हमने संबधित राज्यों से जानकारी ली है. हमारे प्रोटोकॉल जो है हम उसको फॉलो कर रहे हैं. हमारा डिफेंस सिस्टम बिल्कुल परफेक्ट है, कोई भी हैकर चाहे वो किसी भी देश का हो, सफल नहीं हो पाएगा.'
Two attempts by Chinese hackers were made to target electricity distribution centres near Ladakh but were not successful... We've already strengthened our defence system to counter such cyber attacks: RK Singh, Union Minister for Power and New & Renewable Energy pic.twitter.com/FSUck06Jai
दरअसल, खबर पहले खबरे आई थी कि खुफिया जानकारियां रखने वाली कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर (Recorded Future Inc.) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चाइनीज हैकर्स पिछले कुछ महीनों (अगस्त-मार्च) से भारत के पावर ग्रिड्स सिस्टम को अपना निशाना बना रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया था कि हैकर्स ने उत्तरी भारत के कम से कम सात लोड डिस्पैच सेंटर्स को टारगेट किया है. इन सेंटरों का काम भारत-चीन बॉर्डर और लद्दाख के पास मौजूद इलाकों में ग्रिड नियंत्रण और बिजली पहुंचाने के लिए रियल टाइम ऑपरेशनों को अंजाम देना है. रिपोर्ट में बताया कि चीन ने साइबर जासूसी अभियान के तहत भारत की बिजली सेक्टर को निशाना बनाया है.
इन लोड डिस्पैच सेंटर्स में से एक पर पहले भी हैकिंग ग्रुप RedEcho द्वारा अटैक किया जा चुका है. रिकॉर्डेड फ्यूचर की रिपोर्ट के मुताबिक ये हैकर्स एक बड़े हैकिंग ग्रुप से संबंध रखते हैं. वहीं, अमेरिका भी मानता है कि हैकिंग ग्रुप का सीधा संबंध चीनी सरकार से है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि हैकर्स ने भारत के एक नेशनल इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम, मल्टीनेशनल लॉजिस्टिक कंपनी की इकाई को भी निशाने पर लिया था. इस हैकिंग ग्रुप TAG-38 ने ShadowPad नाम का मेलवेयर सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया था.
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