हनी ट्रैप में फंसाकर ब्लैकमेल करने वाले रैकेट का पर्दाफाश, कुलपति से विधायक तक बने शिकार
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कर्नाटक पुलिस की सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने एक बड़े हनी ट्रैप रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो कि सूबे की बड़ी हस्तियों को अपने जाल में फंसाकर ब्लैकमेल किया करता था. उनसे लाखों रुपए ऐंठता था. इस मामले में दो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, जिनके नाम मैसूर निवासी संतोष और पुट्टाराजू हैं.
कर्नाटक पुलिस की सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने एक बड़े हनी ट्रैप रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो कि सूबे की बड़ी हस्तियों को अपने जाल में फंसाकर ब्लैकमेल किया करता था. उनसे लाखों रुपए ऐंठता था. इस मामले में दो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, जिनके नाम मैसूर निवासी संतोष और पुट्टाराजू हैं. इस रैकेट की एक लड़की भी गिरफ्तार हुई है, जिसकी पहचान उजागर नहीं की गई है.
मैसूर के चामराजा निर्वाचन क्षेत्र के वर्तमान विधायक हरीश गौड़ा की शिकायत के बाद इस हनी ट्रैप रैकेट के बारे में पुलिस ने जांच शुरू किया था. विधायक हरीश गौड़ा ने सीसीबी यानी सेंट्रल क्राइम ब्रांच को बताया था कि इस गिरोह ने उन्हें ब्लैकमेल करते हुए करोड़ों रुपए की मांग की है. यह गिरोह प्रभावशाली हस्तियों को अपना निशाना बनाता था. हर गतिविधियों पर नजर रखता था.
यहां तक कि उनका शिकार किस समय कहां आ-जा रहा है, किस होटल में कब ठहर रहा है, किस रूम को बुक करा रहा है, ये सारी जानकारियां हासिल कर लेते थे. इसके बाद होटल का कमरा खाली किए जाने के बाद उसे खुद बुक करते थे. उसमें स्पाई कैमरे लगा दिया करता था. इसके बाद शुरू होता था हनी ट्रैपिंग का खेल, जिसमें एक लड़की वीआईपी लोगों को अपने जाल में फंसाती थी.
उनके साथ होटल के उन्हीं कमरों में जाती थी. यहां शारीरिक संबंध बनाए जाने के दौरान आरोपी स्पाई कैमरों से सबकुछ रिकॉर्ड कर लेते थे. इसके बाद लोगों को ब्लैकमेल करना शुरू करते थे. अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने की धमकी देकर मोटी रकम की मांग करते थे. उनके शिकार विश्वविद्यालय के कुलपति से लेकर नेता और अधिकारी तक बन चुके हैं.
बताते चलें कि पिछले साल भी कर्नाटक पुलिस ने एक बड़े हनी ट्रैप गिरोह का खुलासा किया था. इस गिरोह की महिलाएं पहले सोशल मीडिया के जरिए लोगों से दोस्ती करती थी. उन्हें अपनी बातों में फंसाकर मिलने के लिए राजी करती थी. तय जगह पर मुलाकात के दौरान महिला पीड़ित के साथ हमबिस्तर होती थी. महिला के दोस्त उनकी अश्लील वीडियो और फोटो बना लिया करते थे.
इसके बाद लोगों को ब्लैकमेल किया जाता और उनसे मोटी रकम वसूली जाती थी. बंगलुरु के पुटेनहल्ली पुलिस स्टेशन में हनी ट्रैप में फंसाकर पैसे ऐंठने का मामला दर्ज कराया गया था. इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 348 और 420 में केस दर्ज किया था. गिरोह की सरगना नेहा उर्फ मेहर महाराष्ट्र की, जबकि उसके साथी कर्नाटक के थे.
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