![हठयोग क्या है, कुंभ में आए साधु- संत क्यों करते हैं इतनी कठिन तपस्या? जानें](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/video/202501/67889728a925b-mahakumbh-2025-162034490-16x9.png)
हठयोग क्या है, कुंभ में आए साधु- संत क्यों करते हैं इतनी कठिन तपस्या? जानें
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144 साल बाद संगम के तट पर लगने वाले महाकुंभ मेले में एक से बढ़कर एक साधु-सन्यासी दूर-दूर से इकट्ठा हुए हैं. यहां पहुंचे हर साधु की अपनी अलग कहानी है. एक बाबा अपने सिर पर 45 किलो रुद्राक्ष धारण किये हुए हैं, तो एक सालों से खड़े हैं. आइए महाकुंभ में आए इन अनोखे बाबाओं के बारे में जानते हैं. देखें Video.
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प्रयागराज में माघ पूर्णिमा के अवसर पर करीब 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान शासन-प्रशासन हर मोर्चे पर चौकस रहा. योगी आदित्यनाथ ने सुबह 4 बजे से ही व्यवस्थाओं पर नजर रखी थी. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण ट्रेनों और बसों में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. देखें.
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हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास में शुक्ल पक्ष का 15वीं तिथि ही माघ पूर्णिमा कहलाती है. इस दिन का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से खास महत्व है और भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. लोग घरों में भी कथा-हवन-पूजन का आयोजन करते हैं और अगर व्यवस्था हो सकती है तो गंगा तट पर कथा-पूजन का अलग ही महत्व है.