
स्टोर रूम में मिले सबूत, जांच कमेटी के सवाल और कटघरे में जस्टिस यशवंत वर्मा! कैशकांड की जांच किस दिशा में
AajTak
जस्टिस वर्मा ने अपने बचाव की तैयारी के लिए बड़े वकीलों से संपर्क किया है. तीन न्यायाधीशों की जांच पैनल के समक्ष पेश होने से पहले कानूनी सलाह मांगी है और वकीलों की एक टीम से परामर्श किया गया है.
पिछले कुछ दिनों से दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा (Yashwant Varma) सुर्खियों में हैं. कथित तौर पर दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास पर बड़ी तादाद में कैश मिले थे, जिसके बाद से उनका नाम चर्चा में है. मामला सामने आने के बाद कोर्ट ने उन्हें वापस इलाहाबाद हाई कोर्ट भेजने का फैसला किया था लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील यशवंत वर्मा के खिलाफ हैं. वकीलों ने आज भी प्रोटेस्ट की कॉल दी है और न्यायिक कार्यों को बहिष्कार किया है.
जस्टिस यशवंत वर्मा को जल्द ही तीन सदस्यीय जांच पैनल द्वारा बुलाया जा सकता है, जिससे कैश की कथित बरामदगी के बारे में उनके सवालों का जवाब मिल सके.
यशवंत वर्मा ने मांगी कानूनी सलाह
जस्टिस वर्मा ने अपने बचाव की तैयारी के लिए बड़े वकीलों से संपर्क किया है. तीन न्यायाधीशों की जांच पैनल के समक्ष पेश होने से पहले कानूनी सलाह मांगी है और वकीलों की एक टीम से परामर्श किया गया है. सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल और अरुंधति काटजू, अधिवक्ता तारा नरूला और स्तुति गुजराल के साथ बुधवार को जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर गए और उन्हें तीन सदस्यीय जांच पैनल के समक्ष अपने बचाव की तैयारी में मदद की.
जस्टिस वर्मा के खिलाफ जांच में तेजी लाई जाएगी. सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया है कि यशवंत वर्मा, जल्द से जल्द जांच पूरी करने और रिपोर्ट भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखने का इरादा रखते हैं. जांच आने वाले दिनों में जारी रहने की उम्मीद है, जब तक कि सभी सबूतों और गवाहों की जांच नहीं हो जाती.
यह भी पढ़ें: 'कैश एट होम' मामले में कानूनी सलाह ले रहे जस्टिस यशवंत वर्मा, अधजले नोट वाले एरिया को पुलिस ने किया सील

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में बड़ी तरह गुरुद्वारा के पास भूस्खलन और पेड़ गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में 3 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं, जिनमें से एक पंजाब का, एक बेंगलुरु का और एक नेपाली व्यक्ति बताया जा रहा है. हादसा शाम 5 बजे के करीब हुआ जब मणिकरण गुरुद्वारा की ओर जा रही भीड़ के बीच एक पेड़ गिर गया.

नेपाल सरकार के मंत्री प्रदीप यादव ने आज तक से खास बातचीत में कहा कि नेपाल में कभी भी राजशाही वापस नहीं आएगी. उन्होंने शुक्रवार को काठमांडू की सड़कों पर हुए बवाल के लिए पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को जिम्मेदार ठहराया. यादव ने कहा कि पूर्व राजा ने लोगों को उकसाकर हिंसा, आगजनी और लूटपाट करवाया. मंत्री ने संघीय लोकतंत्र और गणतंत्र को सबसे अच्छी व्यवस्था बताया. VIDEO