सैम पित्रोदा, वोट जेहाद, आर्थिक सर्वे, मुस्लिम आरक्षण, PAK से रिश्ता... इस चुनावी IPL के 7 सबसे बड़े 'इम्पैक्ट प्लेयर'
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धन का बंटवारा, मुस्लिम आरक्षण या फिर संविधान बदलने की बात... चुनाव से पहले इन मुद्दों की चर्चा नहीं थी. लेकिन बीच चुनाव में इन मुद्दों की एंट्री आईपीएल के इम्पैक्ट प्लेयर जैसी हुई. मुद्दों के रूप में ये प्लेयर धूम-धड़ाके के साथ आए और चुनावी परिदृश्य पर छा गए. कहा जा सकता है कि चुनावी नतीजों में ये इम्पैक्ट प्लेयर गेमचेंजर साबित होने जा रहे हैं.
इम्पैक्ट प्लेयर वो खिलाड़ी होते हैं जो पहले से टीम में नहीं होते हैं, लेकिन हालात के आधार पर अचानक से एंट्री करते हैं और गेम का नक्शा ही बदल डालते हैं. अभी आईपीएल का सीजन चल रहा है तो इम्पैक्ट प्लेयर खूब चर्चा में हैं. इम्पैक्ट प्लेयर का नियम आईपीएल में 2023 में लागू किया गया था. दूसरी ओर चुनाव भी चल रहा है और कई ऐसे मुद्दे हैं जिनकी चुनाव की शुरुआत में कहीं चर्चा नहीं थी.
लेकिन मतदान के बीच इन मुद्दों की सरप्राइज एंट्री हुई और ये मुद्दे चुनावी परिदृश्य में पूरी तरह से छा गए. इस आम चुनाव में ऐसे चुनावी इम्पैक्ट प्लेयर्स की खूब चर्चा हो रही है और ये मुद्दे पूरे चुनाव को ड्राइव कर रहे हैं. इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा इस रेस में सबसे आगे हैं. इसके अलावा राहुल गांधी की ओर से उछाले गए आर्थिक सर्वे के मुद्दे की भी खूब चर्चा हुई. या फिर मुस्लिम आरक्षण पर बहस. यही नहीं इस चुनाव में संविधान बदलने की बात, वोट जेहाद, पाकिस्तान फैक्टर और आम आदमी की ओर से शुरू किया गया अभियान जेल का जवाब वोट से ऐसे मुद्दे रहे जो पूरे चुनाव में गरमागरम बहस का मुद्दा बने.
ऐसे कई और चुनावी इम्पैक्ट प्लेयर अभी और आ सकते हैं क्योंकि अभी सिर्फ तीन चरणों के चुनाव हुए हैं और 4 चरण बाकी हैं. ये मुद्दे वो हैं जो पीएम मोदी हों या राहुल गांधी या कोई और नेता उनके हर भाषणों में सुनने को हैं. तमाम राजनीतिक विश्लेषक मानने लगे हैं कि ये मुद्दे गेमचेंजर साबित हो सकते हैं.
आर्थिक सर्वे/वेल्थ डिस्ट्रीब्यूशन
चुनाव से पहले तक कांग्रेस की ओर से जाति जनगणना की बात तो जरूर की जाती थी. लेकिन लोगों की आर्थिक हैसियत का सर्वे और धन का पुनर्वितरण जैसे मामले चर्चा में नहीं थे. लेकिन कांग्रेस का घोषणा पत्र आने के साथ ही इस मुद्दे ने जोर-शोर से चर्चा पकड़ ली. कांग्रेस के घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से ये नहीं लिखा गया है कि पार्टी धन का बंटवारा करेगी. लेकिन पार्टी के घोषणापत्र में कहा गया है कि सत्ता में आने पर कांग्रेस आय और संपत्ति की असमानता के मुद्दे पर विचार करेगी.
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