सूरत में 15 लाख रुपए के दो तोते चोरी, FIR दर्ज कर खोजबीन में जुटी पुलिस
AajTak
सूरत में विदेशी प्रजाति के दो तोते चोरी हो गए हैं. चोरी हुए दोनों ही तोते की कीमत मालिक ने 15 लाख रुपए बताई है. हालांकि, पुलिस तोतों की कीमत दो लाख रुपए ही दर्ज कर मामले की जांच कर रही है. बर्ड फार्म के मालिक ने बताया कि दोनों तोते पर महीने का दस से पंद्रह हजार रुपए तक का खर्च आता था.
गुजरात के सूरत में अजीबोगरीब चोरी की घटना सामने आई है. यहां से विदेशी प्रजाति के दो तोते चोरी हो गए हैं. चोरी हुए दोनों ही तोते की कीमत तोते के मालिक ने 15 लाख रुपए बताई है. हालांकि, तोतों की कीमत दो लाख रुपए ही दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है.
मामला, जहांगीरपुरा पुलिस थाना क्षेत्र के वरियाव इलाके का है. यहां के वाडी बर्ड फार्म में पुलिस टीम दो कीमती तोते की चोरी की जांच करने पहुंची. इनमें एक नर और दूसरा मादा तोता है.
इनको अज्ञात लोगों ने कमरे की छत पर लगी जाली तोड़कर चुरा लिया था. तोते चोरी की यह घटना दिवाली के दो दिन बाद की है. इसकी शिकायत पुलिस थाने में 19 नवंबर को दर्ज करवाई गई है.
तोते के खाने में खर्च होते थे 15 हजार रुपए
बर्ड फार्म के मालिक विशाल भाई पटेल ने बताया, "वह 2007 से अपने फार्म में बर्ड ब्रीड करा रहे हैं. स्कार्ललेट मकाऊ नामक पचरंगी तोता दिसंबर 2013 में कलकत्ता में रहने वाले एक मित्र के पास से खरीदा था."
उन्होंने आगे बताया, "उस समय उनकी उम्र एक साल की थी. आज दोनों 10 साल के हो गए हैं. दोनों तोतों को वह उनके डाइट प्लान के हिसाब से खिलाते थे. दोनों तोते पर महीने का दस से पंद्रह हजार रुपए तक का खर्च होता था."
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.