सुरक्षा का थ्री-लेयर घेरा, 60 हजार जवान... छत्तीसगढ़ की नक्सल प्रभावित सीटों पर चुनाव के लिए ऐसे इंतजाम
AajTak
Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ चुनाव में आज पहले चरण के लिए वोटिंग होनी है. इस बीच सबसे बड़ी चुनौती नक्सल प्रभावित सीटों पर सफलतापूर्वक मतदान संपन्न कराना है. बता दें कि पहले चरण की 20 सीटों में कई नक्सल प्रभावित इलाके भी शामिल हैं.
छत्तीसगढ़ में आज पहले चरण का मतदान होना है. इस चरण में बस्तर की कई सीटों पर भी वोटिंग होगी. नक्सल इलाकों को छोड़कर बस्तर जिले के तीन विधानसभा जगदलपुर, बस्तर और चित्रकोट विधानसभा सीटों पर सुबह 8 से 5 बजे तक मतदान होगा. सुरक्षा कारणों से संभाग के पांच विधानसभा क्षेत्रों के 149 मतदान केंद्रों को पुलिस स्टेशन के नजदीक और सुरक्षा शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है.
बस्तर की 12 सीटें कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल और कोंटा विधानसभा में सुबह 7 से 3 बजे तक मतदान होगा. बाकी तीन विधानसभा बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट पर मतदान सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा. चुनाव आयोग ने नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के संवेदनशील इलाकों में 600 से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए हैं.
223 उम्मीदवार चुनाव मैदान में
बस्तर और राजनांदगांव में कुल 223 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनमें बस्तर में 8, जगदलपुर में 11, चित्रकोट में 7, दंतेवाड़ा में 7, बीजापुर में 8, कोंटा में 8, अंतागढ़ में विधानसभा क्षेत्र में 13, भानुप्रतापपुर में 14, कांकेर में 9, केशकाल में 10, कोंडागांव में 8, नारायणपुर में 9, खैरागढ़ में 11, डोंगरगढ़ में 10, राजनांदगांव में 29, डोंगरगांव में 12, खुज्जी में 10, मोहला-मानपुर में 9, कवर्धा में 16 और पंडरिया में 14 उम्मीदवार मैदान में हैं.
त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में होगा मतदान
बस्तर पुलिस के मुताबिक बस्तर में त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में मतदान कराया जाएगा. 12 विधानसभा क्षेत्रों वाले बस्तर संभाग में सफल और सुरक्षित मतदान के लिए लगभग 60 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. इनमे सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ के 40 हजार और राज्य पुलिस के 20 हजार जवान शामिल हैं. नक्सल विरोधी इकाई के जवान और महिला कमांडो भी चुनाव का हिस्सा होंगें.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.