सुनील जाखड़ और केवी थॉमस को मिलेगी सजा! कांग्रेस से दो साल के लिए हो सकते हैं निलंबित
AajTak
कांग्रेस की अनुशासन समिति ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाने और अनुशासनहीनता करने के मामले में दोषी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है. समिति ने मेघालय, पंजाब और केरल से मिली शिकायतों पर चर्चा करने के बाद फैसला लिया है.
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ और केरल कांग्रेस के नेता केवी थॉमस के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की अनुशासन समिति ने सुनील जाखड़ को दो साल के लिए निलंबित करने का फैसला किया है. वहीं केवी थॉमस को पार्टी लाइन के खिलाफ दोबारा न जाने की चेतावनी देने के साथ पार्टी की विभिन्न समितियों और उनके पास मौजूद अन्य पदों से बेदखल करने की सिफारिश की है. मालूम हो कि दोनों नेताओं को अनुशासनहीनता की शिकायत पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. वहीं इसके अलावा मेघालय के 5 विधायकों को भी दो साल के लिए निलंबित करने को कहा गया है. सोनिया गांधी ही लेंगी अंतिम फैसला
समिति की सिफारिश पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अब अंतिम फैसला लेंगी. कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने बताया कि AICC अनुशासन समिति ने मेघालय, पंजाब और केरल से मिली शिकायतों पर चर्चा की. समिति ने सर्वसम्मत निर्णय लिया है जिसे अंतिम मंजूरी के लिए पार्टी अध्यक्ष के पास भेजा गया है.
सुनील जाखड़ ने कहा था- चन्नी पार्टी पर बोझ
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के दिग्गज नेता सुनील जाखड़ ने 14 मार्च को चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम चेहरा घोषित किए जाने वाले फैसले की निंदा की है. साथ ही कहा कि कांग्रेस की एक नेता ने चरणजीत सिंह चन्नी को पार्टी के लिए संपत्ति बताया था. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था कि 'संपत्ति, आप क्या मजाक कर रहे हैं. वो तो गनीमत है कि चन्नी को राष्ट्रीय खजाना घोषित नहीं किया गया'. सुनील जाखड़ ने कहा था कि हो सकता कि जो लोग चन्नी को वकालत कर रहे हैं, उनके लिए वह संपत्ति हों. लेकिन पार्टी पर वह एक बोझ से बढ़कर कुछ भी नहीं है. चन्नी के लालच ने पार्टी को और उन्हें खुद को नुकसान पहुंचा लिया है.
केवी थॉमस को कांग्रेस ने जारी किया था नोटिस
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.