सावरकर, अडानी, फर्जी डिग्री... 8 दिन में 3 मुद्दों पर विपक्ष के तल्ख तेवरों पर पवार की गुगली भारी
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एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इन दिनों विपक्ष के मुद्दों पर अख्तियार रुख अपना रखा है. उन्होंने हाल ही में सावरकर, पीएम मोदी की 'फर्जी डिग्री' और अडानी मुद्दे पर कुछ ऐसे बयान दिए, जो विपक्ष की मुसीबत बढ़ा सकते हैं. आईए जानते हैं कि आखिर पवार ने 8 दिन में किस मुद्दे पर क्या क्या कहा?
लोकसभा चुनाव 2024 में कुछ ही महीनों का समय बाकी रह गया है. ऐसे में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने रणनीति के तहत केंद्र की मोदी सरकार को घेरने में जुट गईं हैं. वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने विपक्ष के मुद्दों पर ही अख्तियार रुख अपना लिया है. उन्होंने 8 दिन में सावरकर, अडानी, पीएम की फर्जी डिग्री मामले पर अपनी राय रखी. ये वही मुद्दे हैं, जिन पर विपक्ष लगातार केंद्र पर निशाना साध रहा था. शरद पवार के ये बयान जहां बीजेपी के लिए बड़ी राहत हैं, तो वहीं विपक्ष के कड़े तेवरों की हवा निकालने वाले. आईए जानते हैं कि आखिर शरद पवार ने इन मुद्दों पर क्या कहा और इन बयानों को विपक्ष के लिए क्यों बड़ा झटका माना जा रहा है.
विनायक दामोदर सावरकर: राहुल गांधी अक्सर विनायक दामोदर सावरकर को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते रहे हैं. उन्होंने हाल ही में लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी सावरकर पर बयान दिया था. राहुल से सवाल किया गया कि लोग कहते हैं कि राहुल गांधी माफी मांग लेते, तो राहुल गांधी क्या सोचते हैं. इस सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है. गांधी किसी से माफी नहीं मांगता.
राहुल के इस बयान पर देश की सियासत गरमा गई. जहां बीजेपी ने इस मुद्दे पर राहुल और कांग्रेस पर निशाना साधा. तो वहीं, उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ने तक की चेतावनी तक दे डाली थी. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
कांग्रेस और उद्धव गुट के बीच बढ़ती दरार को देखते हुए NCP नेता शरद पवार शांतिदूत के रूप में उतरे. उन्होंने राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ बैठक की और इस दौरान राहुल को ऐसे बयानों से बचने की नसीहत दी. सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने बैठक में आश्वासन दिया कि वह सावरकर का संदर्भ देने से बचेंगे.
शरद पवार ने खुले मंच से की सावरकर की तारीफ
शरद पवार ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ''आज सावरकर कोई राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है, यह पुरानी बात है. हमने सावरकर के बारे में कुछ बातें कही थीं लेकिन वह व्यक्तिगत नहीं थी. यह हिंदू महासभा के खिलाफ था. लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है. हम देश की आजादी के लिए सावरकर जी द्वारा दिए गए बलिदान को नजरअंदाज नहीं कर सकते.''
129वां संविधान संशोधन विधेयक 'एक राष्ट्र एक चुनाव' लागू करने के उद्देश्य से लाया गया है. यह बिल न सिर्फ संसद में, बल्कि सुप्रीम कोर्ट में भी संवैधानिक और कानूनी परीक्षा से गुजरेगा. इस बिल की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि यह संवैधानिक ढांचे, संघीय ढांचे और लोकतंत्र के सिद्धांतों पर कितना खरा उतरता है.
अमित शाह ने कहा, 'ये लोग कहते हैं कि मुस्लिम पर्सनल लॉ का अधिकार मिले तो हमें आपत्ति नहीं है. तो फिर पूरा शरिया लागू करिए. क्रिमिनल में क्यों शरिया निकाल दिया. क्या चोरी करने पर हाथ काट दोगे, कोई महिला के साथ जघन्य अपराध करे तो पत्थर मारकर मार दोगे, देशद्रोही को रोड पर सूली चढ़ाओगे तो निकाह के लिए पर्सनल लॉ, वारिस के लिए पर्सनल लॉ और क्रिमिनल शरिया क्यों नहीं? अगर उनको देना ही है तो पूरा दे देते.'