सांसदों के निलंबन के खिलाफ विपक्ष का मार्च, खड़गे बोले- लोकतंत्र की हत्या कर रही सरकार
AajTak
संसद की सुरक्षा को लेकर हंगामा कर रहे 140 से ज्यादा विपक्षी सांसदों को शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया है, जिसके खिलाफ विपक्षी सांसदों ने पुराने संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकाला.
संसद की सुरक्षा में हुई चूक पर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग पर हंगामा कर रहे 140 से ज्यादा विपक्षी सांसदों को शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया है, जिसके खिलाफ विपक्षी सांसदों ने पुराने संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकाला.
इस मार्च में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री सदन में नहीं बोलते हैं. उन्हें संसद की सुरक्षा में सेंधमारी पर सदन में बोलना चाहिए, लेकिन वह संसद को छोड़कर सब जगह बोलते हैं. खड़गे ने कहा कि वो लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कल देशभर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें इंडिया गठबंधन के सभी नेता शामिल होंगे.
राज्यसभा में नेता विपक्ष खड़गे ने कहा, हम राज्यसभा और लोकसभा के स्पीकर से बोलने की इजाजत मांगते हैं, लेकिन हमें बोलने नहीं दिया जाता. उन्हें बताना चाहिए ये दोबारा कैसे हुआ. सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद सदन को डिस्टर्ब करते हैं, उन्हें लोकतंत्र में विश्वास नहीं है. वह कोई चर्चा नहीं करना चाहते हैं.
विपक्ष के इस मार्च में मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी, शरद पवार, सुप्रिया सुले, प्रमोद तिवारी, राम गोपाल यादव जैसे कई बड़े नेता शामिल हैं. इस मार्च को लेकर कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, हम न डरेंगे, न हारेंगे और संसद की रक्षा करते रहेंगे.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.