'सरपंच ने 111 ड्राइवरों के मर्डर की कसम खाई है...', अफवाह के बाद बंदरगाह जाने से डरने लगे ड्राइवर
AajTak
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा था, इस वीडियो में ट्रक ड्राइवर्स को डराते हुए झूठी अफवाह फैलाई गई थी, जिसके बाद ड्राइवर दहशत में आ गए थे. पुलिस ने जब इसकी जांच की तो दहशत फैलाने का आरोप गुजरात के वडोदरा निवासी पंकज गिरी (32) पर लगा. पुलिस वडोदरा में उसके दफ्तर से उसे गिरफ्तार कर लिया.
महाराष्ट्र के ठाणे शहर से एक अजीब केस सामने आया है, जिसमें एक शख्स के ऊपर अफवाह फैलाकर लोगों को डराने का आरोप लगा है. दहशत फैलाने के आरोप में पुलिस ने शख्स के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
पुलिस के मुताबिक सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा था, इस वीडियो में ट्रक ड्राइवर्स को डराते हुए झूठी अफवाह फैलाई गई थी, जिसके बाद ड्राइवर दहशत में आ गए थे. पुलिस ने जब इसकी जांच की तो दहशत फैलाने का आरोप गुजरात के वडोदरा निवासी पंकज गिरी (32) पर लगा. पुलिस वडोदरा में उसके दफ्तर से उसे गिरफ्तार कर लिया.
ड्राइवरों को मारने की खाई कसम
दरअसल, पंकज गिरी ने 10 जनवरी को एक वीडियो मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इसमें उनसे कहा कि नवी मुंबई के न्हावा शेवा इलाके में एक मेगा पोर्ट है. यहां पर एक सरपंच के बेटे का एक्सीडेंट हो गया है. उसने आगे कहा कि सरपंच ने बदला लेने के लिए 111 ड्राइवरों को मारने कसम खाई है.
ड्राइवरों में फैल गई दहशत
पंकज गिरी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद ट्रक सहित भारी वाहन चलाने वाले चालकों में दहशत फैल गई. उन्होंने अपने नियमित काम के लिए न्हावा शेवा इलाके में जाने से मना कर दिया. दरअसल, न्हावा शेवा बंदरगाह तक रोजाना सैकड़ों कंटेनर जाते हैं और वहां से भी इतने ही ट्रक लौटते हैं. यह अफवाह फैलने के बाद ड्राइवरों में डर पैदा हो गया और काम बुरी तरह से प्रभावित हो गया.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.