सरकारी अस्पताल और वायरल वीडियो... एंट्री के नाम पर अवैध वसूली करने वाले 3 सुरक्षा गार्ड गिरफ्तार
AajTak
रायगढ़ के सरकारी अस्पताल के तीन सुरक्षा गार्डों को जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इल्जाम है कि वे एक गर्भवती महिला के रिश्तेदारों से अस्पताल में प्रवेश के लिए पैसे वसूल रहे थे. तीनों का एक वीडियो भी वायरल हो गया था.
Raigarh Government Hospital Case: सरकारी अस्पतालों में लापरवाही और भ्रष्टाचार के मामलों में वहां का स्टाफ अक्सर लोगों के निशाने पर रहता है. मरीजों और उनके तीमारदारों को स्टाफ से शिकायत रहती है. लेकिन हम जो खबर आपको बताने जा रहे हैं, वो सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. इस बार भी मामला तो भ्रष्टाचार का ही है, लेकिन इल्जाम स्टाफ पर नहीं, बल्कि सुरक्षाकर्मियों पर लगा है. ये मामला है छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले का.
रायगढ़ के सरकारी अस्पताल के तीन सुरक्षा गार्डों को जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इल्जाम है कि वे एक गर्भवती महिला के रिश्तेदारों से अस्पताल में प्रवेश के लिए पैसे वसूल रहे थे. एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए पीटीआई को बताया कि घटना रविवार को संत बाबा गुरु घासीदास जी मेमोरियल सरकारी अस्पताल में सामने आई.
वहां तैनात सुरक्षा गार्डों ने अस्पताल में प्रसव के लिए आई एक महिला के रिश्तेदारों को प्रवेश पास जारी करने के लिए प्रति व्यक्ति 100 रुपये की मांग की. तीनों आरोपी गार्ड रविशंकर गौतम, ओमप्रकाश पटेल और शिवेंद्र शुक्ला एक निजी सुरक्षा फर्म बुंदेला सिक्योरिटीज बिलासपुर से थे. असल में इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद रायगढ़ कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने अस्पताल प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिए.
डीएम के आदेश पर सरकारी अस्पताल के अधिकारी हरकत में आए और मामला पुलिस तक पहुंचा. शिकायत के आधार पर चक्रधर नगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 384 (जबरन वसूली) और 418 के तहत मामला दर्ज किया गया. जांच से पता चला है कि जब चिकित्सा सुविधा में प्रवेश निःशुल्क था तो पास जारी करने के लिए तीनों ने मरीजों के परिवार के सदस्यों से पैसे लिए थे. आगे इस मामले में जांच चल रही है.
गौतम अडानी एक बार फिर चर्चा में हैं क्योंकि उन पर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. इस मामले पर NSUI ने भी प्रदर्शन किया है. इस मुद्दे ने राजनीतिक और व्यावसायिक जगत में खलबली मचा दी है, जिसमें भ्रष्टाचार और व्यापारिक नैतिकता के सवाल शामिल हैं.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?