संसद में सुरक्षा चूक: दिल्ली पुलिस उस ढाबे पर पहुंची जहां ललित झा ने बिताई थी रात, यहीं जलाए थे मोबाइल
AajTak
संसद सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस की टीम नागौर के उस ढाबे पर पहुंची जहां ललित झा ने दिल्ली से भागने के बाद रात बिताई थी. उसने यहीं पर अलाव सेंकने के दौरान चारों मोबाइल को जला दिया था. आरोपी महेश और कैलाश को गिरफ्तार कर पुलिस उस होटल पर लेकर गई जहां उन्होंने मोबाइल जलाए थे.
संसद की सुरक्षा में चूक और स्मोक कैन फेंकने के मामले के तार नागौर से भी जुड़े हुए हैं. नागौर के कुचामन सिटी कस्बे के पास मेगा हाइवे पर एक ढाबे पर संसद में हमले का मुख्य आरोपी ललित झा 13 दिसंबर की रात को घटना को अंजाम देने के बाद पहुंचा था.
उसे कुचामन निवासी महेश कुमावत ने बुलाया था जो पहले से ललित झा के संपर्क में था और एक अन्य साथी कैलाश भी इस होटल पर ललित झा से मिला था. तीनों ने इस ढाबे पर पूरी रात बिताई और यहीं पर सबूत के तौर पर चार मोबाइल फोन को आग में जला दिया था.
सबूत नष्ट करने के बाद जैसे ही सुबह हुई ललित झा वापस दिल्ली के लिए रवाना हो गया और दिल्ली पहुंचकर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. लेकिन दिल्ली पुलिस ने पूछताछ में मामले में तह तक जाने के लिए उससे कई राज उगलवाए हैं.
कुचामन पहुंची दिल्ली पुलिस
ललित झा ने नागौर के कुचामन जाने की बात कही और सहयोग करने वाले महेश कुमावत, कैलाश के बारे में जानकारी दी. इसके बाद दूसरे दिन दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम कुचामन पहुंची और दोनों आरोपी महेश और कैलाश को गिरफ्तार कर उस होटल पर लेकर गई जहां उन्होंने मोबाइल जलाए थे. वहां से जले हुए मोबाइल के कुछ अवशेष भी बरामद किए गए हैं. उसके बाद दोनों आरोपियों को लेकर पुलिस दिल्ली लौट गई.
संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मास्टरमाइंड ललित झा ने नई दिल्ली के कर्तव्य पथ थाने में पहुंचकर सरेंडर कर दिया था. ललित के साथ महेश नाम का युवक भी पहुंचा था.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.