
वो समुदाय, जिसे शैतानी बताकर चीन ने खत्म किया, ऑर्गन निकालकर मरने के लिए छोड़ दिया जाता था
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मेडिटेशन करने वाला Falun Gong समुदाय चीन में इतनी तेजी से फैला कि सरकार दहशत में आ गई. लोगों को लेबर कैंपों में भेजा जाने लगा. भूखा-प्यासा रखने पर भी काम न बने, तो किडनी, लिवर निकालकर मरने के लिए छोड़ दिया जाता. ये ऑर्गन इंटरनेशनल ब्लैक मार्केट में बेचे जाते. अब भी चीन में फालुन गोंग समुदाय खोजने पर इंटरनेट पर कोई रिजल्ट नहीं आता.
विरोध करने पर अपनी ही जनता का दमन करने में चीन का रवैया किसी तानाशाह के कम नहीं. फिलहाल इस देश में सरकार की बेहद सख्त कोविड नीति पर आंदोलन हो रहा है, जिसे सरकारी सैनिक कुचलने की पूरी कोशिश में हैं. इस बीच लगातार उइगर मुस्लिमों की चर्चा हो रही है. वैसे सिर्फ मुसलमान ही नहीं, एक और समुदाय भी है, जिसने लंबे समय तक कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की इतनी ज्यादतियां झेलीं कि अब लगभग खत्म हो चुका है. हम बात कर रहे हैं, फालुन गोंग कम्युनिटी की. नब्बे के दशक में आए इस समुदाय को वहां की सरकार ने शैतानी समुदाय कह दिया, जो लोगों को खुदकुशी के लिए उकसाता.
क्या है फालुन गोंग कम्युनिटी इसकी शुरुआत नब्बे के शुरुआती समय में हुई. तब चीन में तेजी से बदलाव हो रहे थे. कारखाने बनने लगे थे. सिंगल चाइल्ड पॉलिसी से परिवार छोटे होने लगे. इसी दौर में बढ़ते अकेलेपन को दूर करने के लिए कई तरह की नई प्रैक्टिस शुरू हुई, लेकिन फालुन गोंग इसमें सबसे अलग थी.
इन्होंने की शुरुआत आध्यात्म को मानने वाले शख्स ली होगंजी ने इसकी शुरुआत करते हुए कहा कि ये चीन के ही पुराने कल्चर क्विगॉन्ग के जैसी है. इसमें खास तरीके से बैठकर या खड़े होकर ध्यान किया जाता है. दावा था कि इससे शरीर के साथ-साथ मन की बीमारियां भी दूर होती हैं.
अकेलापन झेल रहे चीनी परिवार जुड़ने लगे जल्द ही कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के सपोर्टर भी फालुन गोंग के सदस्य बन गए. अगले 7 सालों के अंदर ये समुदाय चीन में सबसे ज्यादा अनुयायियों की बिरादरी बन गई. साल 1998 में वहां की स्टेट स्पोर्ट्स कमीशन का अनुमान था कि अकेले चीन में ही 70 मिलियन से ज्यादा लोग ये नई प्रैक्टिस कर रहे हैं. शंघाई टीवी, जो उस दौर में सरकारी चैनल माना जाता था, उसके मुताबिक ये आंकड़ा 100 मिलियन से भी ऊपर था. यानी 1.3 बिलियन वाले देश (उस समय) में हर 13 में से 1 आदमी फालुन गोंग से था.
कम्युनिस्ट पार्टी को अपने खत्म होने का डर सताने लगे ये डेटा चीनी सरकार को डराने के लिए काफी था. वो परेशान हो गई कि मेडिटेट करने-कराने से शुरू ये समुदाय कहीं किसी पार्टी का रूप न ले ले. वैसे भी गोंग को मानने वाले लोग खुद को कम्युनिस्ट पार्टी से अलग मानते थे. बता दें कि चीन में किसी भी चर्च, मंदिर या मस्जिद को चलाने के लिए पार्टी की इजाजत जरूरी है. गोंग समुदाय भी इसी नियम के साथ शुरू हुआ था.
आत्महत्या करने वालों की तरह दिखाया गया पहले खुद भी फालुन गोंग की तारीफ करती कम्युनिस्ट पार्टी ने अब इसका विरोध शुरू कर दिया. बेहद शांतिपसंद समुदाय के बारे में कहा जाने लगा कि ये शैतान से प्रेरित है. जो इससे जुड़ेगा, वो कहीं न कहीं आत्महत्या के बारे में सोचने लगेगा. इससे चीन की आबादी कम होती चली जाएगी और वो कमजोर देश बन जाएगा. वैसे सरकारी मीडिया के पास खुदकुशी वाले कॉन्सेप्ट का कोई प्रमाण नहीं था. तब विदेशी मीडिया और संस्थाओं ने चीन आकर जांच करने की परमिशन मांगी, लेकिन उन्हें भी अंदर नहीं आने दिया गया.

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