
वो यूरोपियन मुल्क, जिसके डरपोक तानाशाह ने पूरे देश को बंकरों में बदलकर रख दिया, 20 साल के भीतर तैयार हो गए लाखों बंकर
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दूसरे विश्व युद्ध के बाद सभी देश अपने यहां टूटफूट की मरम्मत में जुटे थे, वहीं एक मुल्क ऐसा था, जिसके तानाशाह ने पूरे के पूरे देश को बंकरों में बदल दिया. तानाशाह एनवर होक्स्हा को डर था कि कहीं दूसरी लड़ाई में देश खत्म न हो जाए. इसलिए नागरिकों को बचाने के लिए उसने बंकर बनवाए. लगभग पौने 2 लाख बंकर बनाने में इतना पैसा खर्च हुआ कि देश वैसे ही तबाह हो गया.
यूक्रेन में कई नए शेल्टर बन चुके हैं, जो बमबारी के समय लोगों की जान बचा सकें. इस देश में लगभग 5 हजार शेल्टर हैं. अब इनका इंस्पेक्शन चल रहा है ताकि एयर स्ट्राइक में कम से कम मौतें हों. यूक्रेन ये तो सब जंग के दौरान हो रहा है, लेकिन एक देश ऐसा भी है, जिसमें बिना युद्ध के ही इतने बंकर बने कि पूरा का पूरा देश घरों की बजाए बंकरों से भर गया. यूरोपियन देश अल्बानिया में करीब पौने 2 लाख बंकर हैं. काफी बंकरों के चलते यूरोप का ये देश काफी गरीबी में जीता रहा. कुछ समय पहले उसने बंकरों को टूरिस्ट स्पॉट में बदलने की शुरुआत की.
तानाशाह को होने लगा डर
उत्तर-पूर्वी यूरोपियन देश अल्बानिया पर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पहले इटली और फिर जर्मनी का कब्जा हुआ. युद्ध खत्म होने के बाद देश आजाद तो हो गया, लेकिन लगातार गुलामी से वो बुरी तरह से तबाह हो चुका था. अब पहली जरूरत थी- अल्बानिया की तरक्की. हालांकि हुआ कुछ अलग ही. देश की कमान कम्युनिस्ट तानाशाह एनवर होक्सहा के हाथ में आ गई. दूध का जला छाछ भी फूंककर पीता है. यही हाल अल्बानिया के साथ भी हुआ. होक्सहा ने माना कि युद्ध खत्म तो दिख रहा है, लेकिन उनका देश सेफ नहीं है.
रेडी रहने का नारा दिया
उन्होंने अल्बानियन भाषा में एक नारा दिया, जिसका अंग्रेजी अर्थ है, हमेशा तैयार रहो. तैयार किसके लिए? जंग के लिए. होक्सहा को असल में शक था कि उसके पड़ोसी देश जैसे ग्रीस, यूगोस्लाविया, नाटो देश हर कोई मिलकर उसे धोखा दे सकता है. यहां तक कि हमेशा साथ निभाते रहे सोवियत संघ (अब रूस) पर भी उसे संदेह था.
वर्ल्ड वॉर बीतने के साथ ही उसने सबसे रिश्ता तोड़ दिया. यहां तक कि वारसॉ संधि से भी बाहर निकल गया. ये नाटो के जवाब में कम्युनिस्ट देशों का गठबंधन था, जिसमें रूस, चीन जैसे बड़े देश शामिल थे.

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