वॉटर टैंक पर लगाम लगाकर नहीं पूरी होगी दिल्ली में पानी की किल्लत, बोलीं जल मंत्री आतिशी
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राजधानी में पानी की किल्लत के बीच जल मंत्री आतिशी अक्षरधाम के पास स्थित पाइपलाइन का निरीक्षण करने पहुंचीं थीं. निरीक्षण के दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि टैंकर माफियाओं पर बिल्कुल लगाम कसी जानी चाहिए. चाहे वो हरियाणा बॉर्डर के पार हों या दिल्ली के इस पार. लेकिन उससे समस्या का समाधान नहीं होगा.
दिल्ली में पानी के संकट को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. एक तरफ देश की सर्वोच्च अदालत में इस मामले पर सुनवाई चल रही थी तो दूसरी ओर जल मंत्री आतिशी एडीएम/एसडीएम और तहसीलदारों की टीम के साथ गुरुवार को अक्षरधाम के पास जल वितरण पाइपलाइन का निरीक्षण किया. इस दौरान उनसे जब टैंकर माफियाओं के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि टैंकर माफियाओं पर लगाम लगाने की जरूरत है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इससे समस्या का समाधान नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में 1000 MGD पानी उत्पादित होता है. दिल्ली जल बोर्ड के 1000 या 1100 टैंकर लगे हैं जो दिन में 6 से 8 चक्कर करते हैं. 1000 MGD में से सारे टैंकर 5 MGD पानी सप्लाई करते हैं. यानी दिल्ली के पानी के प्रोडक्शन का 0.5%. टैंकर माफियाओं पर बिल्कुल लगाम कसी जानी चाहिए. चाहे वो हरियाणा बॉर्डर के पार हों या दिल्ली के इस पार.
तो हम हरियाणा और दिल्ली पुलिस से लगाम कसने कहेंगे, लेकिन उससे समस्या का समाधान नहीं होगा. अगर लगाम कसी जाती है तो आधा, पौना या 1 MGD पानी बचा लेंगे. पर 40 MGD पानी की कमी सिर्फ यमुना में एडीशनल पानी से पूरी हो सकती है. आज दिल्ली के सभी विभागों को पानी की बर्बादी को रोकने के लिए जमीन पर उतारा गया है. लेकिन 40 एमजीडी पानी की कमी इससे पूरी नहीं होगी. इसलिए सुप्रीम कोर्ट से आग्रह है कि अगले 20 दिन की हीट वेव के लिए हमें एडिशनल पानी मिले.
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टैंकरों लगी लोगों की भीड़
गुरुवार को दिल्ली के तुगलकाबाद विधानसभा क्षेत्र के संजय कॉलोनी इलाके में लोग टैंकर से पानी भरते नजर आए. इस दौरान टैंकर पर लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई. लोगों ने बताया कि यहां पर पानी की गंभीर समस्या है, जिससे काफी परेशानी हो रही है. हम लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है. जब टैंकर आता है तो उस पर लोगों की भारी भीड़ आ जाती है. इसी वजह से किसी को पानी मिलता है और किसी को नहीं मिल पाता. जो पानी मिलता है वह हमारे लिए पर्याप्त नहीं है.
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