विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान मुद्रा में बैठे पीएम मोदी, अगले 45 घंटे तक नहीं खाएंगे अन्न
AajTak
पीएम मोदी गुरुवार को तमिलनाडु पहुंचे. यहां उन्होंने भगवती अम्मन मंदिर में दर्शन किए. इसके बाद वह विवेकानंद मेमोरियल पहुंचेंगे, जहां वह 45 घंटे का ध्यान लगाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार शाम को तमिलनाडु पहुंचे. तमिलनाडु के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में उनका ध्यान शुरू हो गया है. सामने आई जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी शाम 6 बजकर 45 मिनट पर ध्यान अवस्था में बैठे. अब वह 45 घंटे तक ध्यान अवस्था में रहेंगे. इस पहले पीएम मोदी ने भगवती अम्मन मंदिर पहुंचकर वहां दर्शन-पूजन किया था.
मौन रहेंगे पीएम मोदी, सिर्फ तरल आहार लेंगे पीएम मोदी का ध्यान शाम 6:45 बजे शुरू हो गया है. अब 45 घंटे ध्यान करेंगे. इन 45 घंटों तक उनका आहार केवल नारियल पानी, अंगूर का रस और अन्य तरल पदार्थ होगा. वह ध्यान कक्ष से बाहर नहीं निकलेंगे और मौन रहेंगे.
बता दें कि जब गुरुवार को पीएम मोदी तमिलनाडु पहुंचे तो उन्होंने पहले यहीं के पास स्थित भगवती अम्मन मंदिर में पूजा की. यहीं से वह विवेकानंद रॉक मेमोरियल पहुंचें और अब वह यहां लगभग दो दिनों तक के लिए ध्यान में बैठ गए हैं. 1 जून को अपने प्रस्थान से पहले पीएम मोदी यहां संत तिरुवल्लुवर की प्रतिमा का दौरा भी कर सकते हैं. स्मारक और मूर्ति दोनों छोटे-छोटे टापुओं पर बनाए गए हैं, जो समुद्र में अलग-अलग और टीले जैसी चट्टानी संरचनाएं हैं.
समुद्र के बीच स्थित स्मारक पर पीएम मोदी के 45 घंटे के प्रवास के लिए भारी सुरक्षा सहित सभी व्यवस्थाएं की गई हैं. भाजपा नेताओं ने कहा था कि पीएम मोदी आज लोकसभा चुनाव प्रचार के समापन के बाद स्वामी विवेकानन्द को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाए गए रॉक मेमोरियल में ध्यान लगाएंगे. पीएम ने 2019 के चुनाव अभियान के बाद केदारनाथ गुफा में इसी तरह का प्रवास किया था.
1 जून की शाम तक ध्यान करेंगे पीएम मोदी पीएम मोदी गुरुवार की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान मंडपम में ध्यान करेंगे, जहां माना जाता है कि विवेकानन्द ने 'भारत माता' के बारे में दिव्य दृष्टि प्राप्त की थी. पीएम मोदी की यात्रा से पहले सुरक्षा बढ़ा दी गई है और उनके प्रवास के दौरान 2000 पुलिस कर्मी सुरक्षा में तैनात रहेंगे, यहां तक कि भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना भी कड़ी निगरानी रखेंगे.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.