वाराणसी: बुनकरों को कमर और जांघ दर्द से मिलेगी राहत, IIT-BHU ने बनाई स्पेशल कुर्सी
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टीम के मुताबिक यह सीट बुनकरों की पीठ को सहारा देने और जांघों को आराम देने में मदद करेगी. बुनकरों को काम से संबंधित मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर (एमएसडी) होने का खतरा कम होगा.
विशांत श्रीवास्तव/वाराणसी: मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग (औद्योगिक प्रबंधन), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) की एक शोध टीम ने पिटलूम का उपयोग करने वाले बुनकरों के लिए एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई सीट बनाई है. टीम के मुताबिक यह सीट बुनकरों की पीठ को सहारा देने और जांघों को आराम देने में मदद करेगी. बुनकरों को काम से संबंधित मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर (एमएसडी) होने का खतरा कम होगा. बुनकरों को कमर और जांघ दर्द का करना पड़ता है सामना मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डॉ. प्रभास भारद्वाज ने बताया कि वाराणसी के हथकरघा उद्योग में बुनकरों को एक जगह बैठकर रोजाना कम से कम 12 घंटे लगातार काम करना पड़ता है. इस वजह से उन्हें मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर का सामना करना पड़ रहा है. वाराणसी में किए गए सर्वे के मुताबिक ज्यादातर बुनकरों को कमर दर्द और जांघ में दर्द होता है.More Related News
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