वसूली कांड पर घिरी उद्धव सरकार, चार दशक पहले ऐसे ही बर्खास्त हो गई थी शरद पवार सरकार
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बीजेपी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में पार्टी नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर उन्हें सीलबंद लिफाफे में सबूत सौंपे हैं और सीबीआई जांच की मांग उठाई है. ऐसे ही चार दशक पहले की याद ताजा हो गई है, जब कानून व्यवस्था के मामलों में घिरी शरद पवार सरकार को राज्यपाल ने बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया था.
महाराष्ट्र में करीब सवा साल पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बीजेपी के सामने से सत्ता की पावर को छीनकर शिवसेना के सामने थाली में सजा कर पेश कर दिया था. इसी का नतीजा रहा कि उद्धव ठाकरे नवंबर 2019 में मुख्यमंत्री बने, लेकिन अब उसी शरद पवार की एनसीपी नेता और राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे आरोपों के चलते सरकार पर संकट खड़ा हो गया है. बीजेपी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अगुवाई में पार्टी नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर उन्हें सीलबंद लिफाफे में कुछ सबूत सौंपे हैं और सीबीआई जांच की मांग उठाई है. ऐसे में चार दशक पहले की याद ताजा हो गई है, जब कानून व्यवस्था के मामलों में घिरी शरद पवार सरकार को राज्यपाल ने बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था. बीजेपी नेता मुनगंटीवार ने महाराष्ट्र की की वर्तमान स्थिति की तुलना 1980 से की जब महाराष्ट्र में शरद पवार की प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था. उन्होंने कहा कि 1980 जैसी स्थिति होनेके बावजूद वह राष्ट्रपति शासन की मांग नहीं कर रहे हैं. मुनगंटीवार ने कहा कि परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर हैं और उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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