लोगों की हत्या कर इंसानी मांस से बनाता था बर्गर, अमेरिका के खौफनाक सीरियल किलर की कहानी
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वो फौजी था लेकिन सीरियल किलर बन गया. एक कत्ल ने उसे ऐसा कातिल बनाया जो इंसानी मांस बेचने लगा. इंसानी मांस को भी बर्गर में डालकर. वो खासकर लड़कियों के मांस को बेचता रहा. किसी को शक भी नहीं हुआ. लेकिन एक दिन उसकी असलियत आखिरकार सामने आ ही गई. गर्लफ्रेंड की बेवफाई ने कैसे एक फौजी को बना दिया सीरियल किलर, चलिए जानते हैं विस्तार से...
सीरियल किलर जोसेफ रॉय मेथेनी (Joseph Roy Metheny) की जिंदगी की शुरुआत होती है अमेरिका के बाल्टीमोर (Baltimore, USA) शहर से. इसका जन्म 2 मार्च 1955 में हुआ था. बचपन से ही पढ़ाई में इंटेलिजेंट था. पर पिता हमेशा नशे में रहते थे. कहते हैं कि उसके पिता की मौत तभी हो गई थी जब मेथेनी की उम्र महज 6 साल थी.
इसके बाद उसकी मां से भी नहीं बनती थी. लेकिन उसने पढ़ाई जारी रखी. बचपन से शरीर और कद काठी से काफी लंबा चौड़ा था. उसकी लंबाई करीब 6 फीट 8 इंच थी. 18 साल की उम्र में ही वो अमेरिकी फौज में भर्ती हो गया. और इधर मां से भी उसका रिश्ता अलग हो चुका था. अमेरिकी फौज में साल 1973 में भर्ती होने के बाद उसकी पोस्टिंग वियतनाम में हुई थी. वियतनाम में रहने के दौरान ही उसका फौज से मन उब गया. इसलिए जब कुछ साल बाद वापस अमेरिका आया तो फौज में कभी वापस नहीं लौटा.
वो नशे में धुत रहने लगा. ड्रग एडिक्ट हो गया. ड्रग्स लेने के दौरान ही उसकी मुलाकात एक लड़की से हुई. वो लड़की सेक्स वर्कर भी रह चुकी थी. दोनों साथ में रहने लगे थे. मेथेनी घर का खर्चा चलाने के लिए ट्रक चलाता था. इस तरह मेथेनी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहने लगा. कोई पूछता कि उसके परिवार में कौन-कौन है. तब बताता था कि मां और पिता दोनों की मौत हो चुकी है. इस तरह समय बीतता गया और उसका एक बेटा भी हुआ.
गर्लफ्रेंड और बच्चे की करने लगा तलाश फिर साल 1993 में एक दिन ट्रक लेकर मेथेनी कई दिनों के लिए बाहर गया. जब घर लौटा तो देखा कि गर्लफ्रेंड और बेटा दोनों लापता हैं. दोनों की उसने काफी तलाश की. लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. बाद में कहीं से पता चला कि उसकी गर्लफ्रेंड बच्चे को लेकर किसी और के साथ चली गई है. मेथेनी को लगा कि उसके बच्चे को भी गर्लफ्रेंड गलत लोगों तक पहुंचा देगी. इसीलिए वो उनकी तलाश में उस हर शख्स से पूछताछ करने लगा जो उसकी गर्लफ्रेंड को जानते थे.
तीन लोगों की हत्या कर डाली एक साल बाद 1994 में एक दिन वह पुल के किनारे दो लोगों से मिला जो उसकी गर्लफ्रेंड को जानते थे. लेकिन उन दोनों से गर्लफ्रेंड के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई. गुस्से में 150 किलो से ज्यादा वजन वाले मेथेनी ने हथोड़े से मार-मार कर दोनों की हत्या कर डाली. हत्या करने के बाद दोनों के शव को वहीं नदी के पास फेंक दिया. लेकिन इस पूरी वारदात को वहां मौजूद एक मछुआरे ने देख लिया. इसलिए मेथेनी ने उसकी भी हत्या कर दी और उसके शव को नदी में काफी दूर फेंक आया. वहीं पर कत्ल में प्रयोग हथौड़े को भी फेंक दिया.
जेल से छूटने के बाद बढ़ गया गुस्सा दोनों व्यक्तियों के गायब होने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की तो मेथेनी का पता चला. पुलिस ने उसे दबोच भी लिया. लेकिन कत्ल में इस्तेमाल हथियार नहीं मिला. और न ही जिस मछुआरे की उसने हत्या की थी, उसकी लाश मिली. मेथेनी पर सिर्फ दो लोगों की हत्या का केस चला लेकिन उसमें भी कोई सबूत नहीं मिला. इसलिए कुछ महीने बाद ही वो जेल से छूट गया. अब भले ही जेल से मेथेनी छूट गया था लेकिन उसका गुस्सा और बढ़ गया. साथ ही उसे यह भी पता चल गया कि अगर जिसकी हत्या की जाए उसकी लाश न मिले और हत्या करने वाला हथियार न मिले तो कातिल का पता भी नहीं चल सकेगा.
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