
लिज ट्रस की कंजरवेटिव पार्टी को क्यों कहा जाता है 'टोरी'? एक बगावत से जुड़ी है इसकी कहानी
AajTak
कंजरवेटिव पार्टी ब्रिटेन की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है. इन दिनों यह पार्टी काफी चर्चा में है. ब्रिटेन में विरोधी दल के नेता कंजरवेटिव पार्टी को टोरी पार्टी कह कर बुला रहे हैं. ऐसा पहली बार नहीं है, जब पार्टी को यह कहा जा रहा है. अलग-अलग मौकों पर पार्टी के लिए टोरी शब्द का इस्तेमाल किया जाता रहा है. आइए जानते हैं कि कंजरवेटिव पार्टी के साथ टोरी शब्द कब और कैसे जुड़ा.
ब्रिटेन एक बार फिर चर्चा में है. इस बार भी चर्चा की वजह प्रधानमंत्री हैं. पिछली बार विवादों में आने के कारण बोरिस जॉनसन को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने पड़ा था. उनकी जगह पर लिज ट्रस को छह सितंबर को ब्रिटेन का नया पीएम चुना गया. उन्हें सत्ता संभाले हुए महज 45 दिन हुए हैं और अब इन्हें भी अपने विवादित आर्थिक फैसलों के कारण इस्तीफा देना पड़ गया.
इस पूरे घटना क्रम के दौरान कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों के लिए एक शब्द का खूब इस्तेमाल हो रहा है, वह है 'टोरी' (Tory). पहले भी देखा गया है कि लेबर पार्टी (कंजरवेटिव पार्टी की विरोधी) के नेता अपने भाषणों में कंजरवेटिव पार्टी के लिए Same old Tories, Tory cuts Tory-led coalition Tory froth, Tory years जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं तो आखिर उसे टोरी कहकर क्यों बुलाया जा रहा है? इसका क्या मतलब होता है?
एक विद्रोह के बाद टोरी दल का उदय हुआ
टोरी के बारे में जानने के लिए हमें आज से करीब 340 साल पुराने ब्रिटेन के इतिहास में जाना होगा. ये साल था 1679. किंग चार्ल्स-II गद्दी पर बैठे थे. उनके बाद गद्दी पर कौन बैठेगा इसलिए जोर-शोर से चर्चा हो रही थी. माना जा रहा था कि उनके बाद उनके भाई जेम्स द ड्यूक ऑफ यॉर्क सिंहासन संभालेंगे लेकिन दरबारियों में अचानक हलचल तेज हो गई. विद्रोह हो गया. कुछ सदस्य जेम्स को राजा के तौर पर अपनाने के लिए तैयार थे जबकि कुछ ने इसका खुले तौर पर विरोध (exclusion crisis) कर दिया.
इस घटना ने बाद में कंजरवेटिव पार्टी को जन्म दिया. दरअसल जब विरोध हुआ तो दो नए राजनीतिक गुटों का उदय हुआ. द स्कॉट्समैन के मुताबिक इनमें से एक गुट टोरी (Tory) कहलाया, जो चार्ल्स के भाई जेम्स द ड्यूक ऑफ यॉर्क को सिंहासन देने का समर्थन कर रहा था. वहीं दूसरा गुट व्हिग (Whigs) कहलाया, जो जेम्स को सिंहासन पर बैठाने का विरोध कर रहा था. बहरहाल टोरी की जीत हुई और जेम्स, किंग जेम्स-II बन गए.
पहले लुटेरों-डाकुओं को बुलाया जाता था टोरी

ट्रंप के बारे में ये जान लेना जरूरी है कि वह कारोबारी पहले हैं और राष्ट्रपति बाद में. America First और Make America Great Again की पॉलिसी लेकर दूसरी बार अमेरिकी सत्ता पर काबिज हुए ट्रंप का मुख्य एजेंडा ट्रेड और टैरिफ है. ट्रंप यूरोप से खफा है क्योंकि उनका मानना है कि यूरोप को अमेरिका से फायदा हो रहा है लेकिन अमेरिका को यूरोप से कोई खास लाभ नहीं मिल रहा.

यूक्रेन के पड़ोसी पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा यूक्रेन के साथ यूरोपीय देशों की सेना में 2.6 मिलियन सैनिक हैं, जबकि अमेरिका के पास 1.3 मिलियन, चीन के पास 2 मिलियन और रूस के पास 1.1 मिलियन सैनिक हैं. यूरोप अगर गिनना जानता है तो उसे खुद पर भरोसा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूरोप वर्तमान में

बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त नासिर उद्दीन ने इशारों-इशारों में कहा कि कोई भी चुनाव में धांधली कर भले ही जीत जाए, लेकिन इतिहास बताता है कि ऐसी जीत ज्यादा समय तक टिकती नहीं है. यह टिप्पणी उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के संदर्भ में की, जो लगातार चार बार चुनाव जीतने के बाद अगस्त 2024 में जनविरोध प्रदर्शनों के चलते सत्ता से बेदखल हो गई थीं.

मौजूदा ग्लोबल समीकरणों और बढ़ते जियो-पॉलिटिकल तनावों के चलते पाकिस्तान का सैन्य नेतृत्व अब ब्रिटेन के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे पाकिस्तान बीजिंग के साथ अपने संबंधों को और गहरा कर रहा है, उसके पारंपरिक संबंध, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ तनावपूर्ण होते दिख रहे हैं.

अमेरिका के न्यू जर्सी में एक फेडेक्स कार्गो विमान के इंजन में पक्षी टकराने से आग लग गई. विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में उड़ान के दौरान विमान के इंजन से निकलती आग की लपटें साफ दिखाई दे रही हैं. हालांकि, इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. देखें...

जखारोवा ने कहा कि जेलेंस्की 'युद्ध को लंबा खींचने की सनक से ग्रस्त' हैं और मॉस्को के लक्ष्य अब भी 'यूक्रेन का विसैन्यीकरण (demilitarization) और रूस द्वारा कब्जा किए गए सभी क्षेत्रों का आधिकारिक अधिग्रहण' बने हुए हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि, 'वॉशिंगटन में जेलेंस्की के असभ्य और अशोभनीय व्यवहार ने यह साबित कर दिया कि वह वैश्विक समुदाय के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं, क्योंकि वह एक बड़ी जंग के गैर-जिम्मेदार उकसाने वाले हैं.'