'लड़के-लड़कियों को अलग-अलग स्कूल में भेजना चाहिए', जमीयत चीफ के बयान पर भड़के बीजेपी नेता
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जमीयत-ए-उलेमा के अरशद मदनी के बयान का समर्थन करने वाले भी सामने आए हैं. मुस्लिम धर्मगुरु मुफ्ती असद कासमी ने उनका समर्थन किया है. वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उनके बयान का विरोध किया है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की तरफ से स्कूल-कॉलेज की शिक्षा पर दिए गए बयान से हंगामा बरपा है. दरअसल, अरशद मदनी ने रविवार को कहा कि को-एजुकेशन नहीं होनी चाहिए, मतलब लड़के-लड़कियों को अलग-अलग स्कूल में भेजना चाहिए. उनके इस बयान पर नेताओं, धर्मगुरुओं के मिले-जुले बयान सामने आए हैं.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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