लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट में यात्री ने मचाया उत्पात, केबिन क्रू से मारपीट की, दिल्ली लौटा विमान
AajTak
दिल्ली से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाईट AI-111 में एक यात्री ने जमकर उत्पात मचाया है. यात्री ने केबिन क्रू के साथ मारपीट भी की, जिसके बाद विमान को दिल्ली एयरपोर्ट लौटाना पड़ा. फ्लाइट लैंड होने के बाद यात्री को पुलिस के हवाले कर दिया गया है.
दिल्ली से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI-111 में एक यात्री ने जमकर उत्पात मचाया. यात्री ने केबिन क्रू के साथ मारपीट भी की, जिसके बाद विमान को दिल्ली एयरपोर्ट लौटना पड़ा. फ्लाइट लैंड होने के बाद यात्री को पुलिस के हवाले कर दिया गया.
जानकारी के मुताबिक दिल्ली से लंदन जा रही फ्लाइट में एक यात्री हिंसक हो गया. उसने केबिन क्रू के दो सदस्यों से मारपीट शुरू कर दी. हंगामा बढ़ने के बाद फ्लाइट को सुबह 9.40 बजे वापस दिल्ली एयरपोर्ट पर ही लैंड करा दिया गया. लैंडिंग के बाद क्रू ने केस दर्ज कराने के बाद यात्री को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया.
दो दिन पहले दिल्ली से बेंगलुरु जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था. 8 अप्रैल को फ्लाइट संख्या 6ई 308 में सवार एक 40 वर्षीय यात्री ने नशे की हालत में इमरजेंसी गेट खोलने की कोशिश की थी. क्रू मेंबर ने इस बात की जानकारी तुरंत विमान के कैप्टन को दी. यात्री को रोकने की कोशिश की गई तो उसने हंगामा शुरू कर दिया.
फ्लाइट लैंड करने के बाद यात्री को बेंगलुरु में सीआईएसएफ के हवाले कर दिया गया. एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज की. उसका ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया गया, जिसमें वह पॉजिटिव पााया गया.
इससे पहले दुबई से मुंबई आ रही फ्लाइट में दो यात्रियों दत्तात्रेय बापरेडकर और जॉन जॉर्ज डिसूजा ने 23 मार्च को नशे में हंगामा किया था. एयरलाइंस की शिकायत पर इस मामले में मुंबई की सहार पुलिस ने दोनों यात्रियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. यात्रियों पर आरोप था कि पहले उन्होंने सीट पर बैठकर शराब पी और फिर फ्लाइट में जब सभी यात्रियों को बैठने को कहा गया था तब ये सीट पर खड़े होकर हंगामा करने लगे. जब उन्हें बैठने को कहा गया तो उन्होंने गाली गलौज की.
पहले भी सामने आए केस
129वां संविधान संशोधन विधेयक 'एक राष्ट्र एक चुनाव' लागू करने के उद्देश्य से लाया गया है. यह बिल न सिर्फ संसद में, बल्कि सुप्रीम कोर्ट में भी संवैधानिक और कानूनी परीक्षा से गुजरेगा. इस बिल की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि यह संवैधानिक ढांचे, संघीय ढांचे और लोकतंत्र के सिद्धांतों पर कितना खरा उतरता है.
अमित शाह ने कहा, 'ये लोग कहते हैं कि मुस्लिम पर्सनल लॉ का अधिकार मिले तो हमें आपत्ति नहीं है. तो फिर पूरा शरिया लागू करिए. क्रिमिनल में क्यों शरिया निकाल दिया. क्या चोरी करने पर हाथ काट दोगे, कोई महिला के साथ जघन्य अपराध करे तो पत्थर मारकर मार दोगे, देशद्रोही को रोड पर सूली चढ़ाओगे तो निकाह के लिए पर्सनल लॉ, वारिस के लिए पर्सनल लॉ और क्रिमिनल शरिया क्यों नहीं? अगर उनको देना ही है तो पूरा दे देते.'