रोहिणी ब्लास्टः दिल्ली पुलिस ने टेलिग्राम को चिट्ठी लिखकर मांगी 'Justice League India' चैनल की डिटेल, ली थी धमाके की जिम्मेदारी
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रविवार सुबह साढ़े सात बजे के करीब जब दिल्ली के रोहिणी स्थित प्रशांत विहार में ब्लास्ट की आवाज सुनाई दी तो इससे इलाके में दहशत फैल गई. इसके लगभग 20 मिनट बाद ही जैसे-जैसे एरिया में बड़ी-बड़ी जांच एजेंसियों का पहुंचना शुरू हुआ तो फिर इस मामले ने और भी चिंता बढ़ा दी.
दिल्ली पुलिस ने Telegram को एक पत्र लिखकर 'Justice League India' नामक चैनल से संबंधित जानकारी मांगी है. यह कार्रवाई रोहिणी में हुए ब्लास्ट के बाद की गई है. कल शाम, इस टेलीग्राम चैनल पर धमाके का सीसीटीवी फुटेज अपलोड किया गया, जिसमें इस विस्फोट की जिम्मेदारी ली गई थी. हालांकि, Telegram की तरफ से अभी तक दिल्ली पुलिस को कोई जवाब नहीं मिला है. रोहिणी ब्लास्ट की जांच जारी है, लेकिन अभी तक किसी संगठन का नाम सामने नहीं आया है. पुलिस इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए हर एंगल से जांच कर रही है.
रविवार सुबह साढ़े सात बजे हुआ था ब्लास्ट बता दें कि रविवार सुबह साढ़े सात बजे के करीब जब दिल्ली के रोहिणी स्थित प्रशांत विहार में ब्लास्ट की आवाज सुनाई दी तो इससे इलाके में दहशत फैल गई. इसके लगभग 20 मिनट बाद ही जैसे-जैसे एरिया में बड़ी-बड़ी जांच एजेंसियों का पहुंचना शुरू हुआ तो फिर इस मामले ने और भी चिंता बढ़ा दी. हालांकि अभी तक ये सामने नहीं आया है कि ब्लास्ट कैसे हुआ? क्यों हुआ? किसने किया? मकसद क्या था? लेकिन इस ब्लास्ट ने त्योहारी सीजन में माथे पर बल ला दिए हैं.
2 किमी दूर तक सुनाई दी ब्लास्ट की आवाज धमाका इतना तेज था कि इसकी आवाज दो किलोमीटर दूर तक सुनाई दी थी, लेकिन इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ. घटनास्थल से 'व्हाइट पाउडर' बरामद किया गया है, और जांच के लिए पहुंची जांच एजेंसियों ने इस धमाके को 'मिस्टीरियस ब्लास्ट' यानी 'रहस्यमयी धमाका' करार दिया है. जांच एजेंसियों ने धमाके को इसलिए 'मिस्टीरियस ब्लास्ट' कहा है, क्योंकि मौके से किसी तरह का टाइमर, डेटोनेटर या कोई मेटल या फिर कोई इनेक्ट्रॉनिक डिवाइस नहीं मिला है. अब सवाल ये है कि फिर विस्फोटक में ऐसा क्या ट्रिगर हुआ कि जोरदार धमाका हुआ? इसकी जांच की जा रही है.
CCTV फुटेज खंगाल रही दिल्ली पुलिस दिल्ली पुलिस ब्लास्ट साइट के आस-पास के कई किलोमीटर तक के CCTV फुटेज को खंगाल रही है, जिससे जानकारी मिल सके कि बम किसने रखा था. ब्लास्ट के आस-पास का मोबाइल का डंप डेटा भी कलेक्ट किया जा रहा है, जिसके जरिए ब्लास्ट पर संदिग्ध फोन नंबर जो एक्टिव थे उसका पता लगाया जा सके.
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