'रोहिंग्याओं के लिए पिछले साल मांगे गए थे 240 फ्लैट्स, दिल्ली सरकार ने लिखा था पत्र', BJP का पलटवार
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रोहिंग्याओं को फ्लैट देने वाले प्रस्ताव पर राजनीति तेज हो गई है. दिल्ली सरकार का कहना है कि यह योजना केंद्र सरकार की थी. दूसरी तरफ बीजेपी का दावा है कि ऐसा प्रस्ताव दिल्ली सरकार ने दिया था. हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट पर बवाल के बाद गृह मंत्रालय इसपर पहले ही सफाई दे चुका है.
दिल्ली में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को EWS फ्लैट में रखने के प्रस्ताव पर बवाल हो गया है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र की बीजेपी इसपर आमने सामने हैं. एक तरफ AAP का दावा है कि केंद्र सरकार चोरी-छिपकर रोहिंग्याओं को दिल्ली में स्थाई ठिकाना देने की कोशिश कर रही थी. दूसरी तरफ बीजेपी की तरफ से एक लेटर दिखाया गया है, जिसमें लिखा है कि केजरीवाल सरकार ने पिछले साल NDMC से गुजारिश की थी कि रोहिंग्याओं को रखने के लिए EWS फ्लैट्स दिए जाएं.
बीजेपी की तरफ से एक पत्र जारी किया गया है. इसके मुताबिक, केजरीवाल सरकार ने 23 जून 2021 को NDMC को पत्र भेजा था. इसमें सरकार ने बक्करवाला में मौजूद 240 EWS फ्लैट देने को कहा था. कहा गया था कि 11 बांग्लादेशी और 71 रोहिंग्याओं के लिए रिस्ट्रिकशन सेंटर (restriction centre) बनाना है. इसके लिए EWS फ्लैट के साथ-साथ वहां मौजूद बारात घर (Community Centre) देने की मांग की गई थी.
बीजेपी की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली चीफ सेक्रेटरी ने NDMC को इसी साल 29 जुलाई को कहा था कि जल्द से जल्द 240 फ्लैट्स हैंडओवर किए जाएं, ताकि 'डिटेंशन सेंटर' बनाया जा सके.
दिल्ली सरकार ने बीजेपी को घेरा
इससे पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा था कि केंद्र सरकार चोरी-छिपे रोहिंग्याओं को दिल्ली में स्थाई ठिकाना देने की कोशिश कर रही थी. वह बोले कि केंद्र सरकार सुबह जिस खबर को अपनी उपलब्धि बताती नहीं थक रही थी, आम आदमी पार्टी द्वारा विरोध किए जाने पर अब इसकी ज़िम्मेदारी दिल्ली सरकार पर डालने लगी है. जबकि सच यह है कि केंद्र सरकार चोरी-छिपे रोहिंग्याओं को दिल्ली में स्थाई ठिकाना देने की कोशिश कर रही थी.
सिसोदिया ने आगे कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर LG (उपराज्यपाल) के कहने पर ही अफसरों और पुलिस ने निर्णय लिए जिन्हें, बिना मुख्यमंत्री या गृह विभाग को दिखाए LG की मंजूरी के लिए भेजा जा रहा था. दिल्ली सरकार अवैध रूप से रोहिंग्याओं को दिल्ली में बसाने की इस साजिश को कामयाब नहीं होने देगी.
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