रेव पार्टी, सांप का जहर, छापे और खुलासे... एल्विश यादव के जेल जाने की पूरी कहानी
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3 नवंबर 2023 से पहले एल्विश यादव की जिंदगी में सबकुछ ठीक चल रहा था. वो अपने नेम और फेम का मजा ले रहा था. लेकिन नोएडा पुलिस ने 2 नवंबर 2023 को नोएडा के सेक्टर 51 के सेवरोन बैंक्वेट हॉल से 5 लोगों को गिरफ्तार किया था. तभी ड्रग्स के मामले में आया था एल्विश का नाम.
YouTuber Elvish Yadav Arresting: एक टीवी शो ने मशहूर यूट्यूबर एल्विश यादव को रातों रात बुलंदियों पर पहुंचा दिया था. जब वो उस शो का विनर बना तो हर तरफ उसकी चर्चा होने लगी. देश के हजारों लाखों युवा उसके फॉलोअर बन गए. उसकी झलक पाने को वो लोग बेताब रहने लगे. उसके वीडियो सोशल मीडिया पर खूब छाए रहे. यहां तक कि हरियाणा के सियासी गलियारों में उसे सम्मान मिला. मगर कहते हैं ना शोहरत को संभाल पाना शोहरत पाने से ज्यादा मुश्किल होता है. ऐसा ही कुछ हुआ एल्विश यादव के साथ... नतीजा ये हुआ कि अब एल्विश यादव कानून की गिरफ्त में है और उसे सलाखों के पीछे भेज दिया गया है. चलिए आपको बताते हैं एल्विश के गिरफ्तार होने की पूरी कहानी.
कौन है एल्विश यादव? एल्विश यादव का असली नाम सिद्धार्थ यादव है. उसका जन्म 14 सितंबर 1997 को हुआ था. उसके पिता राम अवतार यादव और माता सुषमा यादव हैं. एल्विश की एक बड़ी बहन कोमल यादव हैं. हरियाणा के एमिटी इंटरनेशनल स्कूल से पढ़ने के बाद एल्विश ने आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली के हंसराज कॉलेज में दाखिला लिया था. एल्विश के एक बड़े भाई थे, उनका निधन हो जाने के कुछ वर्षों बाद सिद्धार्थ का नाम बदलकर एल्विश यादव रख दिया गया था.
एल्विश का करियर मशहूर यूट्यूबर आशीष चंचलानी और अमित भड़ाना से प्रेरित होकर एल्विश यादव ने 29 अप्रैल 2016 को अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया था. अगस्त 2023 तक उसके पहले यूट्यूब चैनल पर 13.2 मिलियन सब्सक्राइबर और 1.16 बिलियन व्यूज दर्ज हुए थे. एल्विश ने शुरुआत में अपने चैनल का नाम 'द सोशल फैक्ट्री' रखा था, लेकिन बाद में उसका नाम बदलकर एल्विश यादव कर दिया था. एल्विश का कंटेंट फ्लैश फिक्शन और वैचारिक शॉर्ट फिल्मों के आसपास घूमता है. इसके बाद उसने 23 नवंबर, 2019 को 'एलविश यादव व्लॉग्स' नाम से एक नया यूट्यूब चैनल लॉन्च किया था. फरवरी 2023 तक नए चैनल पर 3.47 मिलियन सब्सक्राइबर और 95 मिलियन व्यूज थे. मई 2023 में एल्विश ने एक नया गेमिंग चैनल 'एलविश यादव गेमिंग' भी शुरू किया था. साल 2023 में ही एल्विश को रियलिटी शो बिग बॉस ओटीटी (हिंदी सीज़न) में वाइल्ड कार्ड एंट्री के तौर पर मौका मिला और वो विजेता बनकर बाहर आया. अब वो कपड़ों के ब्रांड 'सिस्टम क्लोदिंग' और 'एल्ग्रो वुमेन' का मालिक भी हैं.
ऐसे खुला एल्विश यादव का राज़ 3 नवंबर 2023 से पहले एल्विश यादव की जिंदगी में सबकुछ ठीक चल रहा था. वो अपने नेम और फेम का मजा ले रहा था. लेकिन नोएडा पुलिस ने 2 नवंबर 2023 को नोएडा के सेक्टर 51 के सेवरोन बैंक्वेट हॉल से 5 लोगों को गिरफ्तार किया था. कुल मिलाकर 9 सांप बरामद हुए थे, जिनमें 5 कोबरा, 1 अजगर, 2- दो मुहें सांप और एक रेड स्नैक बरामद हुआ था. जांच से पता चला था कि सभी नौ सांपों में वेनॉम ग्लैंड्स गायब थीं, जिसमें जहर होता है. पुलिस ने उस दिन पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से 20ml सांप का जहर भी बरामद किया था. उन सांपों और सांप के जहर का इस्तेमाल दिल्ली एनसीआर में अवैध रेव पार्टियों में किया जाता था. यूं तो यह मामला किसी थाने की फाइल में दबकर रह जाता लेकिन इस केस के पीछे हाथ था भाजपा सांसद मेनका गांधी के एनजीओ का. उसी एनजीओ की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच के दौरान सांप बरामद किए थे. जब जांच पड़ताल आगे बढ़ी तो पता चला कि जानलेवा जहर की पार्टियों के पीछे मशहूर यूट्यूबर एलिव्श यादव भी शामिल है. मेनका गांधी की एनजीओ का इल्जाम था कि एल्विश सांपों के साथ वीडियो शूट करता है और सांप के जहर और दवाओं के साथ अवैध पार्टियों की मेजबानी भी करता है.
इस संस्था ने दर्ज कराई थी FIR इस मामले में FIR दर्ज करने वाली संस्था का नाम पीपल फॉर एनिमल (PFA) है. उस संस्था के वेलफेयर ऑफिसर गौरव गुप्ता ने थाने जाकर तहरीर दी थी. उस वक्त गौरव गुप्ता ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया था कि नोएडा में ड्रग्स और वेनम से जुड़ी गतिविधियों की सूचना मिल रही थी. ये भी पता चला था कि, यूट्यूबर एल्विश यादव नोएडा-एनसीआर के फार्म हाउसों में कुछ लोगों के साथ मिलकर स्नेक वेनम व जिंदा सांपों के साथ वीडियो शूट कराते हैं. इसके साथ ही गैर कानूनी रूप से रेव पार्टियों को आयोजित कराने की भी जानकारी मिली थी.
ऐसे हुआ मुकदमा दर्ज 3 नवंबर को नोएडा पुलिस ने PFA की शिकायत पर रेव पार्टी में सांप के जहर के इस्तेमाल के मामले में FIR दर्ज की थी. जिसमें यूट्यूबर एल्विश यादव भी आरोपी था. जिन लोगों के कब्जे से सांप बरामद हुए थे, वो पांच लोग अब पुलिस के कब्जे में थे. उनकी शिनाख्त राहुल, टीटूनाथ, जयकरन, नारायण और रविनाथ शामिल हैं. पुलिस को राहुल नाम के शख्स के पास ही वो 20ml सांप का जहर मिला था. मामला चूंकि मेनका गांधी की एनजीओ से जुड़ा था, लिहाजा पुलिस की विशेष टीम तेजी इस मामले में कार्रवाई कर रही थी. मामले की छानबीन में पुलिस को पता चला कि एल्विश यादव ही इस जहरीले रैकेट का मास्टरमाइंड है. पकड़े गए पांचों आरोपियों ने भी एल्विश यादव का नाम पूछताछ के दौरान बताया था.
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