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रूस से सस्ता तेल खरीद भारतीय कंपनियों ने की मोटी कमाई, छह महीने में 270 अरब रुपये से ज्यादा का मुनाफा
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भारत सरकार के कॉमर्स मंत्रालय के वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, रूस से सस्ते तेल आयात की मदद से भारतीय रिफाइन कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में 3.3 बिलियन डॉलर यानी लगभग 274 अरब रुपये की बचत की है.
रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से ही भारत रियायती कीमतों पर रूस से भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीद रहा है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के पहली छमाही में भी भारतीय तेल रिफाइन कंपनियों ने रूस से सस्ते तेल आयात की मदद से अरबों डॉलर से ज्यादा की बचत की है.
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक देश है. भारत अपनी कुल जरूरत का 85 फीसदी से भी ज्यादा कच्चा तेल आयात से पूरा करता है. मूल्य के हिसाब से भी भारत के ट्रेड व्यापार की सूची में कच्चा तेल सबसे ऊपर है.
भारतीय तेल बाजार में रूस की बड़ी हिस्सेदारी
अंग्रेजी वेबसाइट 'इंडियन एक्स्प्रेस' के मुताबिक, भारत सरकार के ऑफिसियल ट्रेड डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि भारतीय रिफाइन कंपनियों ने पहली छमाही में रियायती रूसी कच्चे तेल की मदद से लगभग से 3.3 बिलियन डॉलर की बचत की है.
यूक्रेन युद्ध से पहले जो रूस भारत के लिए एक मामूली तेल आपूर्तिकर्ता देश था. अप्रैल-सितंबर 2023 के बीच वही रूस, भारत को सबसे ज्यादा तेल निर्यात किया. इस अवधि के दौरान मात्रा के हिसाब से लगभग 39 प्रतिशत और कीमत के हिसाब से लगभग 36 प्रतिशत भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी रही.
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस की ओर से की गई कार्रवाई के बाद पश्चिमी देशों ने रूस से तेल आयात करना बंद कर दिया है. जिसके बाद से रूस रियायती कीमतो पर भारत को तेल निर्यात कर रहा है. भारतीय तेल रिफाइन कंपनियों ने भी इस ऑफर को दोनों हाथों से लिया और कुछ ही महीनों में रूस भारत के लिए सबसे बड़ा तेल निर्यात करने वाला देश बन गया.
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