
रूस में तख्तापलट की कोशिश? वैगनर आर्मी की चेतावनी- देश को जल्द नया राष्ट्रपति मिलेगा
AajTak
रूस में अब गृह युद्ध जैसे हालात हो गए हैं. वहां की प्राइवेट आर्मी वैगनर ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इसके बाद बैगनर ने अपने टेलीग्राम चैनल के जरिए व्लादिमीर पुतिन के भाषण के बाद एक बयान जारी किया. इस बयान में वैगनर का कहना है कि पुतिन ने गलत विकल्प चुना है और रूस को जल्द ही एक नया राष्ट्रपति मिलेगा.
रूस-यूक्रेन का युद्ध पिछले कुछ महीनों से एक चर्चा का विषय है. ऐसे में इस जंग के बीच एक बड़ी खबर यह है कि रूस में आपसी युद्ध ही शुरू हो गया है. रूस में वैगनर ग्रुप (Wagner Group) के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन ने अपने ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत कर दी है. ऐसे में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए चुनौती है कि सीमा पार युद्ध को झेला जाए या आंतरिक विरोध से निपटा जाए.
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने वैगनर के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन पर देशद्रोह, सशस्त्र विद्रोह शुरू करने और अपने ही देश की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया है. वहीं इस आरोप पर प्रिगोझिन का कहना है कि उनका उद्देश्य सैन्य तख्तापलट नहीं बल्कि न्याय के लिए मार्च निकालना है.
'रूस को जल्द नया राष्ट्रपति मिलेगा'
वैगनर ने अपने टेलीग्राम चैनल के जरिए व्लादिमीर पुतिन के भाषण के बाद एक बयान जारी किया है. इस बयान में वैगनर का कहना है कि पुतिन ने गलत विकल्प चुना है और रूस को जल्द ही एक नया राष्ट्रपति मिलेगा. वैगनर ने यह भी कहा है कि जीत उनकी ही होगी और एक या दो गद्दारों के जीवन को 25,000 सैनिकों के जीवन से ऊपर रखा गया है. वैगनर के बयान में कहा गया है कि रूस में गृह युद्ध अब आधिकारिक तौर पर शुरू हो गया है.
वैगनर आर्मी के साथ क्या हो रहा है?
महीनों तक प्रिगोझिन ने यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वैगनर ने रूसी जेलों में बंद हजारों कैदियों को बाहर निकालकर अपने वैगनर आर्मी में भर्ती कराया है. उनका लंबे समय से युद्ध चला रहे सैन्य प्रमुखों के साथ खुला झगड़ा रहा है, लेकिन अब यह विद्रोह में बदल गया है. वैगनर सेनाएं कब्जे वाले पूर्वी यूक्रेन से बड़े दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में घुस गई हैं और इसकी सैन्य सुविधाओं पर नियंत्रण करने का दावा किया है.

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.