
रूस की तरफ से लड़ रहे नॉर्थ कोरियाई सैनिक, क्यों दुनिया से कटा हुआ ये देश मॉस्को के साथ दिखता रहा?
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यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की ने नॉर्थ कोरिया पर रूस को सैन्य मदद देने का आरोप लगाया. इस तरह की बातें पहले भी आ चुकी हैं. यूक्रेन और रूस युद्ध के बीच बहुत से देश यूक्रेन के पाले में हैं, वहीं रूस के पीछे कम ही लोग खड़े हैं. उत्तर कोरिया को उनमें से एक माना जाता रहा.
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किंग जोंग को आक्रामकता और अलग-थलग रहने की आदत के लिए जाना जाता है. बहुत सारी पाबंदियों से घिरा ये देश रूस के हरदम साथ रहा. इसका एक उदाहरण रूस-यूक्रेन युद्ध में भी दिख रहा है. कथित तौर पर उत्तर कोरिया यूक्रेन युद्ध में अपनी भागीदारी बढ़ा रहा है, और रूस की मदद कर रहा है.
दक्षिण कोरियाई एजेंसी द वॉर जोन की एक रिपोर्ट में ये दावा किया गया. इसके अनुसार, न केवल उत्तर कोरियाई सैनिक, बल्कि बड़े अधिकारी भी युद्ध में मॉस्को की तरफ से काम कर रहे हैं. वे छिपकर नहीं, बल्कि अपनी वर्दी के साथ ही जंग में शामिल हो रहे हैं. ये अपनी तरह का अलग मामला है. वैसे तो यूक्रेन को भी बहुत से देश मदद कर रहे हैं, उसे हथियार-सेना दे रहे हैं, लेकिन ये सब उतना खुलेआम नहीं बल्कि आड़ में हो रहा है. वहीं नॉर्थ कोरिया लगभग खुलकर रूस के पक्ष में दिखता रहा.
क्या ये केवल एक विचारधारा की वजह से है, या कुछ और भी है, जो दोनों के बीच बॉन्डिंग बनाए हुए है?
कोल्ड वॉर के दौरान बना रिश्ता
रूस और उत्तर कोरिया के बीच संबंधों की जड़ें शीत युद्ध के समय पनपीं, जब तत्कालीन सोवियत संघ ने उत्तर कोरिया को आजादी दिलाने में मदद दी. इसके बाद से रिश्ता गहराता रहा. दोनों के बीच कई कॉमन चीजें हैं. दोनों ही कम्युनिस्ट विचारधारा वाले देश रहे. इस बात ने उन्हें जोड़ने में कुछ वैसा ही काम किया, जैसा एक पार्टी को पसंद करने वाले दो आम लोगों के साथ होता है. इसी तार के साथ कई और तार जुड़ते चले गए.

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