राष्ट्रपति राजपक्षे के परिवारवाद से बर्बाद श्रीलंका, सरकार में बड़े पदों पर बैठे थे परिवार के 40 सदस्य
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दक्षिण एशिया में, कोई दूसरा राजनीतिक वंश इतना आत्मविश्वास से भाई-भतीजावादी नहीं कर रहा जितना राजपक्षे परिवार कर रहे हैं. महिंदा राजपक्षे के 2010-15 के राष्ट्रपति के रूप में दूसरे कार्यकाल के दौरान, कैबिनेट के अलावा, सरकारी पदों पर राजपक्षे के परिवार के 40 से अधिक सदस्य हैं.
कोलंबो: श्रीलंका आज आपात स्थिति में है तो इसके पीछे कर्ज, खराब अर्थव्यवस्था ही नहीं कई राजनीतिक कारण भी जिम्मेदार हैं. श्रीलंका की राजनीति में भाई भतीजावाद चरम पर पहुंच गया है, जिसकी कीमत देश को चुकानी पड़ रही है. दक्षिण एशिया में, कोई दूसरा राजनीतिक वंश इतना आत्मविश्वास से भाई-भतीजावादी नहीं कर रहा जितना राजपक्षे परिवार कर रहे हैं.
महिंदा राजपक्षे के 2010-15 के राष्ट्रपति के रूप में दूसरे कार्यकाल के दौरान, कैबिनेट के अलावा, सरकारी पदों पर राजपक्षे के परिवार के 40 से अधिक सदस्य हैं. हालांकि आपातकाल लगने के बाद इसमें से कुछ ने इस्तीफा दे दिया है. इनमें से कई पर आर्थिक धोखाधड़ी के आरोप हैं.