राज्यसभा में तीसरा मौका नहीं देती BJP! अब धर्मेंद्र प्रधान, निर्मला सीतारमण और इन सांसदों का क्या होगा? जानें
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भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने साफ संदेश दे दिया है कि दो या दो से ज्यादा बार राज्यसभा सांसद रहे चुके मंत्रियों और सांसदों को पार्टी फिर से राज्यसभा के सहारे संसद में नहीं भेजेगी. इसलिए अब इन मंत्रियों को अपने गृह राज्यों में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए सीट ढूंढकर उस पर शुरू कर देनी चाहिए.
देश में आम चुनाव यानी 2024 लोकसभा चुनाव नजदीक ही हैं. ऐसे में सभी दल इन चुनावों में अपनी स्थिति सुधारने की कोशिश में जुटे हैं. भाजपा भी सत्ता में तीसरी बार वापसी की कोशिशों में जुटी है. इस बीच भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने साफ संदेश दे दिया है कि दो या दो से ज्यादा बार राज्यसभा सांसद रहे चुके मंत्रियों और सांसदों को पार्टी फिर से राज्यसभा के सहारे संसद में नहीं भेजेगी. इसलिए अब इन मंत्रियों को अपने गृह राज्यों में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए सीट ढूंढकर उस पर शुरू कर देनी चाहिए.
कई दिग्गज मंत्रियों ने तो अपने लिए सुरक्षित सीट ढूंढ कर उस पर तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. वैसे तों विधानसभा से लेकर लोकसभा और राज्यसभा के उम्मीदवारों के नाम पर बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाती है. आलाकमान से चर्चा के बाद मंत्री लोकसभा सीट पर तैयारी में जी जान से लग गए हैं. ताकि चुनाव से पहले होने वाले आंतरिक सर्वे में जीतने वाले उम्मीदवारों का इस लिस्ट में इनका नाम आ सके.
2 बार से ज्यादा राज्यसभा जा चुके हैं ये नेता
दरअसल धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, मनसुख मंडाविया, परशोत्तम रूपाला, पीयूष गोयल और निर्मला सीतारमण दो या दो से ज्यादा बार राज्यसभा के सदस्य हैं. ऐसे में पार्टी के संकेत को पढ़कर इन्होंने अपनी भविष्य की चुनावी रणनीति का खाका तैयार करना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही हरदीप सिंह पुरी और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी 2024 में लोक सभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने को चुनावी मैदान में उतर सकते हैं.
नकवी को इसी वजह से देना पड़ा था इस्तीफा
इससे पहले भी मुख्तार अब्बास नकवी को पार्टी ने मंत्री होने के बावजूद फिर से राज्यसभा में नहीं भेजा था, क्योकि वो दो बार राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं. ऐसे में किसी भी सदन का सदस्य नहीं होने के कारण नकवी को केंद्र सरकार से मंत्री पद इस्तीफा देना पड़ा था.
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