
राजधानी में आबादी कम करने के लिए ये देश हर नागरिक को दे रहा पैसे, एक बच्चे वाले शख्स को 6 लाख का ऑफर
AajTak
जापान के ग्रामीण इलाकों में तेजी से कम हो रही जनसंख्या को बढ़ाने के लिए सरकार परिवारों को ऑफर दे रही है. दरअसल जापान सरकार इस साल टोक्यो से बाहर जाने के लिए प्रति बच्चे परिवारों को एक मिलियन येन का भुगतान करने जा रही है.
जापान के ग्रामीण इलाकों में जनसंख्या तेजी से कम हो रही है. इसको बढ़ाने के लिए टोक्यो से बाहर जाने वाले परिवारों को जापान सरकार पैसा दे रही है. टोक्यो से बाहर जाने के लिए प्रति बच्चे परिवारों को एक मिलियन येन का भुगतान करेगी. इस नए प्रस्ताव के मुताबिक, जिस परिवार में तीन बच्चे हैं, उन्हें टोक्यो क्षेत्र छोड़ने पर 3 मिलियन येन तक भी मिल सकते हैं.
गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार को उम्मीद है कि साल 2019 में शुरू हुई इस योजना के तहत 2027 तक 10,000 लोग टोक्यो से ग्रामीण क्षेत्रों में शिफ्ट हो जाएंगे. बीते साल सरकार ने 1,184 परिवारों को समर्थन राशि दी थी, जबकि 2020 में 290 और 2019 में 71 परिवारों को इस योजना का लाभ मिला था. बीते सालों में दी गई राशि 300,000 येन थी. हालांकि नई योजना अप्रैल से लागू होगी.
इसके अलावा टोक्यो महानगरीय क्षेत्र में 5 साल से अधिक समय तक रहने वाले परिवारों को भी बच्चों के लिए सहायता राशि मिलेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि परिवार स्थानीय क्षेत्र में बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो उसके लिए अतिरिक्त सहायता राशि प्रदान की जाएगी.
क्या मानना है सरकार का?
जापान के नीति निर्माताओं का मानना है कि शहर के जनसंख्या घनत्व कम करने के लिए इस योजना को तेजी से बढ़ाना चाहिए और लोगों को उन इलाकों में नया जीवन शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, जो अफैशन हैं. इससे उम्र बढ़ेगी और जो युवा टोक्यो, ओसाका और अन्य बड़े शहरों में रोजगार की तलाश में आते हैं, उनमें कमी आएगी.
किसे मिलेगा इस योजना का लाभ?

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.