राजकुमार आनंद की विधायकी गई, AAP पार्टी से MLA रहते BSP के टिकट पर लड़ा था लोकसभा चुनाव
AajTak
विधानसभा ने राज कुमार आनंद से पूछा था कि पार्टी बदलकर चुनाव लड़ने के लिए आपको टर्मिनेट क्यों न कर दिया जाए. दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के मुताबिक राज कुमार आनंद को एंटी डिफेक्शन लॉ का हवाला देते हुए डिसक्वालीफाई कर दिया गया है.
लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के खिलाफ बगावती सुर अपनाने वाले और दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री रहे राज कुमार आनंद को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा की सदस्यता से डिसक्वालीफाई कर दिया है. विधानसभा दफ़्तर के मुताबिक, बतौर आम आदमी पार्टी विधायक रहते हुए राज कुमार आनंद ने बसपा की टिकट से नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा.
इस मामले में विधानसभा ने राज कुमार आनंद को जवाब फाइल करने के लिए 10 जून का समय दिया था, जवाब न देने पर 11 और 14 जून को विधानसभा में पेश होने कहा गया था.
विधानसभा ने पूछा सवाल विधानसभा ने राज कुमार आनंद से पूछा था कि पार्टी बदलकर चुनाव लड़ने के लिए आपको टर्मिनेट क्यों न कर दिया जाए. दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के मुताबिक राज कुमार आनंद को एंटी डिफेक्शन लॉ का हवाला देते हुए डिसक्वालीफाई कर दिया गया है.
हाल ही में मंजूर किया गया है इस्तीफा बता दें कि पिछले ही दिनों, दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद का इस्तीफा मंजूर किया गया था. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने राष्ट्रपति को इसकी सिफारिश भी भेजी थी. इसको लेकर एलजी ऑफिस से बयान जारी किया गया था. बता दें कि 31 मई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजकुमार आनंद के इस्तीफे को मंजूर करने की सिफारिश उपराज्यपाल को भेजी थी.
साल 2020 में पहली बार पटेल नगर सीट से बने थे विधायक राजकुमार आनंद साल 2020 में पहली बार पटेल नगर सीट से विधायक बने थे. इससे पहले उनकी पत्नी वीना आनंद भी इसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं. दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की जगह राजकुमार आनंद को कैबिनेट में शामिल किया गया था. बता दें बौद्ध सम्मेलन के एक कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी की गई थी, जहां राजेंद्र पाल गौतम भी मौजूद थे, जिसके बाद काफी बवाल हुआ था और राजेंद्र गौतम को कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था.बीएसपी में हो चुके हैं शामिल दिल्ली सरकार में मंत्री रहे राजकुमार आनंद ने बीते 6 मई को बहुजन समाज पार्टी में एंट्री ले ली थी. साथ ही उन्होंने घोषणा की थी कि वह नई दिल्ली लोकसभा सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. पूर्व आप नेता ने बीएसपी ज्वाइन करने के बाद कहा था कि मैं अपनी पार्टी में वापस आ गया हूं. राजकुमार आनंद ने बहुजन समाज पार्टी का दामन थामने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा था, मैं बाबा साहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. मुझे लगता है कि मैं अपनी पार्टी में वापस आ गया हूं.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.