
'रफाह पर हमले की तारीख तय, हमास के अंत का काउंटडाउन शुरू...', बोले इजरायली PM बेंजामिन नेतन्याहू
AajTak
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि उसने अब गाजा पट्टी के रफाह शहर में हमले की योजना बनाई है. ये बयान चिंताजनक है क्योंकि राफाह में मौजूदा समय में 10 लाख लोग रहते हैं.
इजरायल पर हमास के हमले से शुरू हुई जंग को छह महीने गुजर चुके हैं. लेकिन जंग की ये आंच कम होने का नाम नहीं ले रही. इस युद्ध में अब तक 33000 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के एक बयान से खलबली मच गई है.
नेतन्याहू का कहना है कि उसने अब गाजा पट्टी के रफाह शहर में हमले की योजना बनाई है. ये बयान चिंताजनक है क्योंकि रफाह में मौजूदा समय में 10 लाख लोग रहते हैं.
नेतन्याहू का कहना है कि आतंकी ग्रुप हमास पर जीत के लिए रफाह में दाखिल होकर वहां उनकी बटालियन को नष्ट करना जरूरी है. ये जल्द होगा, इसकी तारीख तय कर ली गई है.
बता दें कि रफाह को अपेक्षाकृत सबसे सुरक्षित क्षेत्र माना जा रहा है, जहां 10 लाख लोगों ने शरण ली है. इससे पहले भी नेतन्याहू ने कहा था कि हम नागरिक आबादी को बिना नुकसान पहुंचाए राफा में प्रवेश करेंगे.
नेतन्याहू का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब यूरोपीय संघ के नेताओं ने इजरायल से अनुरोध किया है कि वे रफाह में अपना ग्राउंड ऑपरेशन शुरू नहीं करें. यूरोपीय काउंसिल ने इजरायली सरकार से रफाह में ग्राउंड ऑपरेशन से दूर रहने को कहा है, जहां लाखों फिलिस्तीनी नागरिक पनाह लिए हुए हैं और उन्हें मानवीय सहायता मिल रही है.
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने हाल ही में नेतन्याहू को चेतावनी दी थी कि वो रेड लाइन क्रॉस नहीं करें और रफाह पर हमले का इरादा छोड़ दें. इसके अलावा अमेरिका सहित कई वैश्विक देश इजरायल पर दबाव बना रहे हैं कि वे राफा से दूरी बनाए रखें.

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.