
रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और जनरल... जिनपिंग के शासन में चीन के टॉप ऑफिसर कैसे हो रहे हैं गायब?
AajTak
चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू को आखिरी बार सार्वजनिक तौर पर 29 अगस्त 2023 को देखा गया था. उन्हें आखिरी बार तीसरे चीन-अफ्रीका पीस एंड सिक्योरिटी फोरम को संबोधित करते देखा गया था. इससे पहले देश के विदेश मंत्री किन गांग भी लापता हो गए थे.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कैबिनेट के एक और मंत्री के लापता होने की खबर है. विदेश मंत्री किन गांग के बाद अब देश के रक्षा मंत्री ली शांगफू लापता बताए जा रहे हैं. जापान में अमेरिका के राजदूत रैहम इमैनुअल ने सबसे पहले चीन के रक्षा मंत्री की गैरमौजूदगी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि चीन के रक्षा मंत्री को बीते दो हफ्तों से सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है.
अमेरिकी राजदूत इमैनुअल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि पहले विदेश मंत्री किन गांग लापता हो गए. इसके बाद रॉकेट फोर्स कमांडर और अब रक्षा मंत्री ली शांगफू को दो हफ्तों से नहीं देखा गया है. बेरोजगारी की इस दौड़ को कौन जीतने जा रहा है? चीन के युवा या फिर जिनपिंग की कैबिनेट?
कहां हैं रक्षा मंत्री ली शांगफू?
रिपोर्ट्स के मुताबिक रक्षा मंत्री को आखिरी बार सार्वजनिक तौर पर 29 अगस्त 2023 को देखा गया था. उन्हें आखिरी बार तीसरे चीन-अफ्रीका पीस एंड सिक्योरिटी फोरम को संबोधित करते देखा गया था.
चीन-अफ्रीका फोरम से पहले रक्षा मंत्री को रूस में एक सुरक्षा सम्मेलन में देखा गया था. रूस के साथ बैठक के दौरान शांगफू ने अमेरिका पर निशाना भी साधा था.
रक्षा मंत्री के गायब होने की अटकलों के बीच चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने सेना में एकता और स्थिरता का आह्वान किया है. बता दें कि ली शांगफू को मार्च 2023 में रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया था. वह पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना में स्टेट काउंसिलर के पद पर भी रह चुके हैं.

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.