
ये इस्लामिक मुल्क करता है विदेशियों से सबसे ज्यादा नफरत, 40 फीसदी से ज्यादा लोग नहीं चाहते अल्पसंख्यक पड़ोसी
AajTak
बहुत से देशों में भारतीय खासकर हिंदू हेट क्राइम झेल रहे हैं. अब तक अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से ये शिकायत आती रही. लेकिन नस्लीय हिंसा पर ताजा स्टडी कुछ और ही कहती है. इसके मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा नस्लभेद ईरान में है. वर्ल्ड वैल्यूज सर्वे (WVS) कहता है कि वहां ज्यादातर लोग अपने बगल में दूसरे देश के लोगों को सह नहीं सकते.
दुनिया में लगातार बढ़ती नस्लीय नफरत के बीच एक वीडियो वायरल हो रही है. इसमें अमेरिकी पुलिस अधिकारी एक भारतीय छात्रा की मौत का मजाक बना रहा है. वो कहता है कि उसकी जिंदगी बेकार थी, और बस एक चेक देने से काम हो जाएगा. 23 साल की जाह्नवी कंडुला की मौत पर हंसते हुए अधिकारी को लेकर भारतवंशियों में भारी गुस्सा है. खुद अमेरिकी सरकार को मामले की जांच का आश्वासन देना पड़ा. वैसे रेसिज्म के मामले में जो देश अव्वल है, उसका जिक्र कम ही आता है.
कहां है सबसे ज्यादा भेदभाव
दुनिया के सौ देशों में काम कर रही डेटाबेस संस्था वर्ल्ड वैल्यूज सर्वे (WVS) और लंदन के किंग्स कॉलेज ने मिलकर एक सर्वे किया. वे यह समझना चाहते थे कि दुनिया में सबसे ज्यादा नस्लभेद कहां है. मानकर चला जा रहा था कि ब्रिटेन या अमेरिका इसमें ऊपर रहेंगे, लेकिन नतीजा कुछ और भी था. इसके लिए 24 बड़े देश लिए गए, जहां दुनिया के हर कोने से लोग पढ़ने या काम की तलाश में आते हैं.
ईरान में 42 फीसदी बहुसंख्यकों में है नफरत
मिडिल ईस्टर्न देश ईरान के बारे में पता लगा कि वहां की बड़ी आबादी विदेशियों से दूर-दूर रहती है. मुस्लिम मेजोरिटी वाले देश में करीब 42 प्रतिशत लोगों ने बाहरी लोगों के लिए भेदभाव वाली बातें की. इसके बाद 32 फीसदी के साथ रूस दूसरे, जबकि 30 फीसदी के साथ जापान का नंबर है. चौथे नंबर पर चीन है.

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.